nibandh satya nistha?
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जहाँ सत्य है, वहाँ असत्य का स्थान नहीं है। सत्य स्वयं में एक महाशक्ति है। यदि इस संसार में सब सत्य का आचरण करें, तो इस संसार से बुराई का नामो-निशान मिट जाए। राजा हरिशचंद्र इसी कारण सत्यवादी राजा हरिशचंद्र कहलाए। उन्हें सत्य के लिए अपना राजपाठ तथा सुख-सुविधाओं को भी त्याग कर दिया परन्तु सत्य की पताका को गिरने नहीं दिया। सत्य का मार्ग कठिन अवश्य है परन्तु इससे प्राप्त होने वाला फल सुखद व दीर्घ कालीन होता है। सत्य के मार्ग में चलने के लिए संकल्प की बहुत आवश्कता होती है। हमें हर परिस्थिति में सत्यनिष्ठ होना चाहिए।
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