nibandh दुर्गा पूजा हिंदी में
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दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है। Durga Puja को लोग दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के नाम से भी जानते हैं। आमतौर पर दुर्गा पूजा की तैयारियां महीनों पहले से ही शुरू हो जाती है। दुर्गा पूजा मुख्य रूप से बंगाल, असम, उड़ीसा, झारखण्ड इत्यादि जगहों पर बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। दुर्गा पूजा में लोग पुरे नौ दिन तक माँ दुर्गा की पूजा करते हैं। त्यौहार के अंत में देवी दुर्गा की प्रतिमा को को नदी या पानी के टैंक में विसर्जित कर दिया जाता है। बहुत से लोग पुरे नौ दिनों का उपवास रखते हैं। इस आर्टिकल से Durga puja essay 400 words , दुर्गा पूजा पर शार्ट निबंध , दुर्गा पूजा पर 10 लाइन इत्यादि प्राप्त कर सकते हैं।
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दुर्गा पूजा पर निबंध 400 वर्ड (Durga puja essay 400 words)
दुर्गा पूजा हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्यौहार माना जाता है। Durga puja in bengali ज्यादा प्रसिद्ध है क्योकि यह बंगालियों का प्रमुख त्यौहार होता है। दुर्गा पूजा की शुरुआत तब हुई जब भगवन राम ने रावण को मारने के लिए देवी दुर्गा से शक्ति प्राप्त करने के लिए पूजा की थी। दुर्गा पूजा का अवसर बहुत ही खुशियों से भरा होता है। खासकर विद्यार्थियों के लिए क्युकी इस मौके पर उन्हें छुट्टियां मिलती है। इस अवसर पर घर में नए कपड़ों की खरीददारी की जाती है। कुछ बड़े स्थानों पर मेलों का भी आयोजन किया जाता है। बच्चों का दुर्गा पूजा के अवसर पर उत्साह दोगुना हो जाता है।
देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए लोग पुरे नौ दिनों का उपवास रखकर पूजा करते हैं। हालाँकि कुछ लोग केवल पहले और आखरी दिन उपवास रखते हैं। Durga Puja Celebration पूरे दस दिनों तक चलता है। लेकिन माँ दुर्गा की मूर्ति को सातवें दिन से पूजा जाता है। अंतिम के तीन दिन पूजा का उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। हर गली मोहल्ले में इसकी अलग ही झलक दिखती है। तरह तरह के पंडाल बनाये जाते हैं। दुर्गा पूजा उत्सव के दौरान मेला और मीना बाजार भी लगता है।
माँ दुर्गा को शक्ति की देवी कहा जाता है। उनके दस हाथ होते हैं और वह शेर पर विराजमान होती है। यह माना जाता है की महिषासुर नामक राजा ने स्वर्ग में देवताओं पर आक्रमण कर दिया था। वह बहुत ही शक्तिशाली था और उसे कोई भी हरा नहीं सकता था। उस समय स्वर्ग के देवताओं को महिषासुर के प्रकोप से बचाने के लिए ब्रम्हा, विष्णु, और शिव के द्वारा एक आंतरिक शक्ति का निर्माण किया गया जिसका नाम दुर्गा रखा गया।
देवी दुर्गा को आंतरिक शक्तियां प्रदान की गयी थी जिससे की वे महिषासुर का वध कर सके। माँ दुर्गा ने पुरे दस दिनों तक महिषासुर से युद्धकिया और दसवें दिन उसे मार डाला। दसवें दिन को दशहरा या विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। रामायण के अनुसार भगवान राम से रावण को मारने से पहले माँ दुर्गा से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए चंडी पूजा की थी।दुर्गा पूजा के दसवे दिन भगवान राम ने रावण को मारा इसलिए इस दिन को हम विजयादशमी के नाम से भी जानते हैं। दुर्गा पूजा उत्सव को अच्छाई की बुराई पर जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है।
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दुर्गा पूजा पर शार्ट निबंध (Short essay on Durga Puja)
Durga Puja भारत में हिन्दुओं का एक धार्मिक त्यौहार है जो लोगो को एक भारतीय संस्कृति और रीति में जोड़ता है। भगवान राम ने रावण को मारने से पहले देवी दुर्गा की पूजा की थी। तभी से दुर्गा पूजा की शुरुआत हुई। इस त्यौहार को हर साल लोगो के द्वारा उत्साह और विश्वास के साथ मनाया जाता है। कई स्थानों पर सभी लोग मिलकर शहरों और गावों में दुर्गा पूजा उत्सव को अच्छे से सांस्कृतिक और परंपरागत तरीके से मानते हैं। दुर्गा पूजा हर जगह अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल के कोलकाता की दुर्गा पूजा सबसे ज्यादा विख्यात है। लोग अपने पारम्परिक कपडे पहन कर माँ दुर्गा की आरती करते हैं और ढोल नगाड़ों पर नाचते हैं।
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दुर्गा पूजा प्रतिवर्ष हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला एक प्रसिद्द त्यौहार है। यह भव्य त्यौहार माता दुर्गा की पूजा-आराधना के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार माँ दुर्गा द्वारा महिषासुर के अंत की ख़ुशी में मनाया जाता है। इस पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक माना जाता है। इस त्यौहार के बिच अन्य त्यौहार दशहरा भी बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।
यह त्यौहार प्रतिवर्ष अश्विन महीने के पहले से दसवें दिन तक मनाया जाता है। दुर्गा पूजा के लिए लोग 1-2 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर देते हैं। यह त्यौहार पुरे भारत में धूम-धाम से नाच-गाने के साथ उत्साह के साथ मनाया जाता है।कुछ राज्यों जैसे ओडिशा, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, तथा त्रिपुरा के लोग दुर्गा पूजा को बहुत ही बड़े तौर पर मनाते हैं। लोग जो विदेशों में रहते हैं खासकर दुर्गा पूजा के लिए छुट्टियाँ लेकर आते हैं। दुर्गा पूजा के लिए स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में 10 दिनों का अवकास भी होता है।
दुर्गा पूजा में कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी दुर्गा पूजा को बहुत ही सुन्दर रूप से मनाया जाता है। भारत के पश्चिम बंगाल का यह मुख्य त्यौहार है।