nibandh vriksh Prakriti Ka Anupam Uphar Hai Is par Lekh likhiye 350 shabdo mein . Hindi mein
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वृक्ष इस धरती पर केवल इसकी सुन्दरता ही नहीं बढ़ाते बल्कि इन्सानों और अन्य जीवों को जीवन भी प्रदान करते हैं।अगर वृक्ष या पेड़ पौधे ना होते तो आज हम भी ना होते। इन्हीं पेड़ पौधों की वजह से आज हम सांस ले पा रहें हैं,इन्हीं की बदौलत आज हम खाना खा पा रहें हैं,इन्हीं के कारण आज हमारे सर पर छत है,घर है। वृक्ष हमारे लिए इतने उपयोगी हैं,इन्हीं कारणों की वजह से वृक्षों को प्रकृती का अनुपम उपहार माना गया है।
इस उपहार को हमें सहेज कर और सम्भाल कर रखना चाहिए,ऐसा उपहार जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है और जिस के बिना शायद हम जीवित भी ना होते उसे हमें यूं व्यर्थ नहीं करना चाहिए और ना ही उसका दुरुपयोग करना चाहिए।
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Explanation:
वन संपदा किसी भी देश का प्राण है, देश की अर्थव्यवस्था में वनों का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है| हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है एक वृक्ष लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है जितना दस गुणी पुत्रों के यश से है| पेड़ जलवायु को सम बनाते हैं और वर्षा कराने में सहायक है| पशु पक्षियों के आश्रय स्थल हैं, पेड़ों के तेजी से कटने के कारण अनेक वन्य प्रजातियां पराया लुप्त हो रही हैं| अतः आज इस बात की सर्वाधिक आवश्यकता है कि हमें वृक्षारोपण के कार्य में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए, हमें पेड़ अधिक से अधिक लगाने चाहिए और इसे अपना एक प्रथम कर्तव्य मानना चाहिए। देश के वातावरण को सुखद बनाए रखने के लिए लगभग के 30% भाग में वनों का होना आवश्यक है आज स्थिति यह है कि लगभग 20% भाग ही वनों से आच्छादित हैं।
आज विज्ञान को के परीक्षणों ने यह सिद्ध कर दिया है कि वृक्षों से मानव को अनेक लाभ हैं| सर्वप्रथम तो वृक्ष तापमान को नियंत्रण में रखते हैं, सूर्य के प्रकाश में वृक्ष अत्यधिक मात्रा में ऑक्सीजन का निर्माण करते हैं और वातावरण शुद्ध होता है| वृक्षों की जड़ी बूटियां अमूल्य औषधियों का निर्माण करती हैं| ऋतु के अनुसार स्वादिष्ट फल भी वृक्षों से प्राप्त होते हैं।
अगर इस धरा से लगातार इसी तरह वृक्षों का कटान होता रहा तो पूरे का पूरा वातावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा और यहां जीवन जीने में मुश्किल हो जाएगी।
इसलिए हमें वृक्षों की रक्षा करनी चाहिए और हर साल एक नया पेड़ भी लगाना चाहिए| प्रत्येक शुभ कार्य का प्रारंभ वृक्षारोपण से किया जाना चाहिए| जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ वनों का विकास किया जाना और भी आवश्यक हो गया है यदि हम सब मिलकर प्रयास करें तो वन संपदा को नष्ट होने से बचा सकते हैं।