Hindi, asked by sehgaly341, 8 months ago

nibhand on aaj ki peedi par haavi hoti dikhave ki pravatti

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Answered by kabraarchita
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Answer:

जनरेशन गैप तब होता है जब दो लोगों के बीच उम्र (एक पूरी पीढ़ी) का काफी अंतर होता है। यह अक्सर माता-पिता और बच्चों के बीच टकराव का एक कारण बन जाता है। जनरेशन गैप को दो अलग-अलग पीढ़ियों से संबंधित लोगों के बीच के विचारों और विचारधाराओं के अंतर के रूप में समझाया गया है। यह राजनीतिक विचारों, धार्मिक विश्वासों या जीवन के प्रति सामान्य दृष्टिकोण में अंतर हो सकता है।

जनरेशन गैप आमतौर पर बच्चों और उनके माता-पिता के बीच संघर्ष का कारण है। यह वास्तव में एक दिलचस्प अवधारणा है। अगर दुनिया में इस तरह का अंतर नहीं होता तो दुनिया वास्तव में काफी अलग होती। प्रत्येक पीढ़ी अपनी फैशन प्रवृत्तियों को स्थापित करती है, अपनी मनपसंद भाषा में बात करती है, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ाती है और नए आविष्कारों की ख़ोज करती है।

जनरेशन गैप के कारण समाज में कई बदलाव हुए हैं विशेषकर भारत में जहां संयुक्त परिवार प्रथा पहले से ही प्रचलित थी। बाद में भारत में अलग परिवार बसाने की अवधारणा शुरू हो गई और यह भी पीढ़ी के अंतराल का ही एक परिणाम है। लोग इन दिनों गोपनीयता की लालसा रखते हैं और अपने जीवन को अपने तरीके से जीना चाहते हैं परन्तु संयुक्त परिवार प्रथा इसमें मुख्य बाधा है। इस प्रकार बहुत से लोग अलग-अलग परिवार बसा रहे हैं। इसी प्रकार समाज के विभिन्न स्तरों पर होने वाले कई बदलाव जनरेशन गैप के परिणाम हैं।

जैसा की धरती पर सब कुछ अवधारणा है उसी तरह जनरेशन गैप में भी अच्छाई और बुराई है। इस अंतर को खत्म करने के लिए समझ और स्वीकृति को विकसित करने की आवश्यकता है।

Hope it helps:)

Answered by divya73850
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Answer:

प्रस्तावना: आप सभी को पता है कि हम जिस धरती पर रहते हैं वह सबसे सुंदर गृह है। हरियाली युक्ता सुंदर और आकर्षक है। कुदरत हमारी सबसे अच्छी साथी होती है। जो हमें इस धरती पर जीवन जीने के लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराती है प्रकृति हमें सांस लेने के लिए हवा, पीने के लिए पानी, और खाने के लिए खाना और रहने के लिए जमीन देती है प्रकृति हमारे जीवन के लिए अति महत्वपूर्ण संसाधन है पेड़ पौधे पशु पक्षी के सब हमारे जीवन की को बेहतर करने के लिए आवश्यक है। परंतु प्रकृति का अभिशाप प्रकृति बिगाड़ने वाले होते हैं और यह कोई और नहीं हम स्वयं मनुष्य है की परिस्थिति संतुलन को बिगाड़ देते हैं जो कि एक अभिशाप है हमारे स्वम के लिए।

प्रकृति का अभिशाप- जहरीली गैस कार्बन डाइऑक्साइड

सूरज की तपती गर्मी को लगातार ,ग्रहण करने की वजह से आज हमारी पृथ्वी दिनों दिन गर्म होती जा रही है। जिसकी वजह से कार्बन डाई ऑक्साइड का स्तर बढ़ता जा रहा है। इसके लिए लोगों को इसे कारण और प्रभाव का पता पता होना चाहिए जिससे इसका समाधान हो सके आज पृथ्वी पर प्रकृति का अभिशाप वायुमंडल के रूप में ग्लोबल वार्मिंग है जिसकी वजह से धरती का तापमान बढ़ रहा है ऐसा आकलन किया जा रहा है कि अगले 50 से 100 साल में धरती का तापमान इतना बढ़ जाएगा कि जीवन के लिए इस धरती पर कई मुश्किलें उत्पन्न हो जाएंगी जो की कार्बनडाई आक्साइड की वजह से ही।उपसंहार

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रकृति का अभिशाप के जो भी कारण है वह मानव द्वारा निर्मित किए गए हैं, बाढ़ ,अकाल ,और जो भी प्राकृतिक आपदा है ,वह सब मानव के कारण ही है ,हम मानव बड़े-बड़े आविष्कार के चक्कर में भूल जाते हैं कि जिस प्रकृति को हम इन अविष्कारों से नुकसान पहुंचा रहे हैं वह हमारे स्वयं के लिए एक अभिशाप है इसे वक्त रहते अगर हमने नहीं समझा तो प्रकृति का विनाश हमारा विनाश कहने में कोई समय नहीं लगेगा।

उपसंहार

इस प्रकार हम देखते हैं कि प्रकृति का अभिशाप के जो भी कारण है वह मानव द्वारा निर्मित किए गए हैं, बाढ़ ,अकाल ,और जो भी प्राकृतिक आपदा है ,वह सब मानव के कारण ही है ,हम मानव बड़े-बड़े आविष्कार के चक्कर में भूल जाते हैं कि जिस प्रकृति को हम इन अविष्कारों से नुकसान पहुंचा रहे हैं वह हमारे स्वयं के लिए एक अभिशाप है इसे वक्त रहते अगर हमने नहीं समझा तो प्रकृति का विनाश हमारा विनाश कहने में कोई समय नहीं लगेगा।

Explanation:

mark as branliest answer because I knew it definitely helps you.

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