nibhand on nation firstBharat Pratham Rashtra Pratham per
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राष्ट्र के प्रति सम्मान प्रथम भावना होनी चाहिए | यह हमारा कर्तव्य है | यह वह जगह जिसमें हमने जन्म लिया, जिसकी मिट्टी में हम पले-बड़े, जिसमें हमने अपने सपनों को पूरा किया, अपना पूरा जीवन जिया। राष्ट्र ने हमें इतना कुछ प्रदान किया इसलिए हमारा कर्तव्य है हमारा प्रथम कर्तव्य राष्ट्र की सेवा करना |
एक सच्चे देशवासी के लिए राष्ट्र प्रथम की भावना सदैव उसके मन में होनी चाहिए। जब राष्ट्र को उसकी जरूरत हो तो वह राष्ट्र की सेवा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए । बड़ी-बड़ी बातें करने से या बड़े-बड़े नारे लगाने से ही देश-भक्ति नहीं सिद्ध हो जाती या बड़े-बड़े संदेश साझा करने से ही देशभक्ति नहीं होती बल्कि देश के लिए कुछ सार्थक करना ही राष्ट्र वादी होने का परिचायक है।
जब हमारे परिवार पर कोई विपत्ति आती है तो हम सब कुछ भूल जाते हैं और तब हमें अपना परिवार ही नजर आता है और अपने परिवार की सुरक्षा की खातिर अपना सब इसके लिए अपना सब कुछ दांव पर नहीं लगाना चाहिए? हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने जीवन की कुर्बानी देकर इस राष्ट्र का निर्माण किया हमें यह देश सौंप कर गए। इसलिए कि हम इस देश को संभाल कर रखें और जब भी विपत्ति आए तो पीछे नहीं हटे। जैसे हमारे सैनिक हमेशा देश की रक्षा के लिए तैयार रहते है |
देश की रक्षा करना केवल सैनिकों का कर्तव्य नहीं है, बल्कि प्रत्येक राष्ट्रवासी का कर्तव्य है। राष्ट्र प्रथम की भावना सब के मन में सदैव होनी चाहिये।