nibhand on sram ka mahatva
Answers
nibhand on sram ka mahatvaExplanation:
प्रस्तावना:
जीवन में श्रम का महत्व सबसे ज्यादा होता हैं | मनुष्य को अपने जीवन में सफलता पाने के लिए श्रम करना अत्यंत जरुरी हैं | हम सभी लोग श्रम के बिना जीवन में सफल और सफलता की कल्पना नहीं कर सकते हैं |
मनुष्य के श्रम के बिना दूसरा कोई संपत्ति ही नहीं हैं | इस धरती पर रहने वाला हर एक प्राणी अपने जीवन में सुख चाहता हैं | संसार चक्र सुख प्राप्ति से चलता हैं | अगर यह चक्र एक दिन भी रुक जायेगा तो बहुत बड़ा विनाश हो सकता हैं |
श्रम का अर्थ –
श्रम का अर्थ होता हैं, किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए तन, मन और धन से प्रयत्नशील रहना उसे श्रम कहा जाता हैं |
श्रम ही जीवन
ऐसा कहा जाता हैं की, श्रम ही जीवन होता हैं | श्रम के बल पर मनुष्य अपने जीवन में परिवर्तन कर सकता हैं | अगर वो श्रम करेगा तो गरीब से धनवान बन जायेगा |
इस दुनिया में निर्गुणी मनुष्य गुणवान हो जाते हैं, कभी – कभी गरीब मनुष्य श्रम करके धनवान बनकर सुख और अच्छी जिंदगी जी सकता हैं | यह सब श्रम के बल पर होता हैं | अगर मनुष्य श्रम नहीं करेगा तो आलसी बन जायेगा |