Hindi, asked by rupeshkushwah70, 2 months ago

nimnalikhit gadyansh ki sandarbh sahit Vyakhya kijiye सभ्यता की वर्तमान स्थिति में एक व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय तो नहीं रहता जैसे पहले
रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति, एक देश को दूसरे देश से, भय के स्थायी कारण
प्रतिष्टित हो गए है। सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही है,
एक क्षण का विराम नहीं है।"​

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Answered by chijini
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Explanation:

व्यक्ति को दूसरे से वैसा भय तो नहीं रहता जैसे पहले

रहा करता था, पर एक जाति को दूसरी जाति, एक देश को दूसरे देश से, भय के स्थायी कारण

प्रतिष्टित हो गए है। सबल, और निर्बल देशों के बीच अर्थ शोषण की प्रक्रिया अनवरत चल रही है,

एक क्षण का विराम नहीं है।"​

Answered by zhhxdnnjehz
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জহে ডত দ নোষব দযিাীবোয্ রারাররারারারা েজীীহ রোরোো

ষষষত

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