Nimnalikhit ki udaharan sahit vyakhya karen santript viliyan
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उत्तर :
(a) संतृप्त विलयन (saturated solution) :
किसी निश्चित तापमान पर उतना ही विलेय पदार्थ घुल सकता है, जितना की विलयन की क्षमता होती है। अर्थात निश्चित तापमान पर यदि विलयन में विलेय पदार्थ नहीं घुलता है , तो उसे संतृप्त विलयन कहते हैं।
(b) शुद्ध पदार्थ (pure substances):
वे पदार्थ ,शुद्ध पदार्थ कहलाते हैं जिनमें विद्यमान सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के होते हैं। शुद्ध पदार्थ में सदा एक ही प्रकार के कण, परमाणु अथवा अणु होते हैं। सभी तत्व (elements) और यौगिक(molecules) शुद्ध पदार्थ है। सभी तत्व जैसे : सोना, चांदी , हाइड्रोजन और यौगिक जैसे : सोडियम क्लोराइड ,चीनी , जल, कार्बन डाइऑक्साइड आदि।
(c) कोलाइड (colloids) :
कोलाइड समांगी दिखता है परंतु वास्तव में वह विषमांगी होता है। कोलाइड में कणों का आकार वास्तविक विलयन से बड़ा परंतु निलंबन से छोटा होता है।वह व्यास में 1 nm और 100 nm के बीच होता है।कोलाइड के कणों को सूक्ष्मदर्शी से भी नहीं देखा जा सकता।कोलाइड के कण फिल्टर पेपर से निकल सकते हैं। इसलिए फिल्टरन के द्वारा क्लोराइड को पृथक नहीं किया जा सकता। कोलाइड पर्याप्त स्थायी होते हैं। रखने पर कोलाइड के कण पृथक नहीं होते हैं। कोलाइड उसमें से गुजर रही प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन करता है क्योंकि उसके कण पूरी तौर से बड़े होते हैं।
उदाहरण : दूध ,साबुन विलयन, स्याही ,रक्त, स्टार्च विलयन
(d) निलंबन (suspensions) :
निलंबन एक विषमांगी मिश्रण होता है। निलंबन में विलेय कणों का आकार पर्याप्त बड़ा होता है।यह व्यास में 100 nm से कम होता है।
निलंबन के कणों को आसानी से देखा जा सकता। निलंबन के कण फिल्टर पेपर से नहीं निकल पाते हैं । इसलिए निलंबन को फिल्टरन द्वारा पृथक किया जा सकता। निलंबन अस्थायी होते हैं। कुछ समय बाद निलंबन के कण बैठ जाते हैं।निलंबन उसमें से गुजरते हुए प्रकाश की किरण पुंज का प्रकीर्णन कर देता हैं क्योंकि इसके कण पर्याप्त बड़े होते हैं। उदाहरण : मटमैला जल ,जल में आटा, दूधिया मैग्नीशिया, चाॅक जल मिश्रण आदि ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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