Hindi, asked by fuggy96, 1 year ago

nirash ka samas vigrah

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Answered by mitesh6
1
बहुव्रीहि समास की विशेषताएँ

बहुव्रीहि समास की निम्नलिखित विशेषताएँ है-

(i) यह दो या दो से अधिक पदों का समास होता है।
(ii)इसका विग्रह शब्दात्मक या पदात्मक न होकर वाक्यात्मक होता है।
(iii)इसमें अधिकतर पूर्वपद कर्ता कारक का होता है या विशेषण।
(iv)इस समास से बने पद विशेषण होते है। अतः उनका लिंग विशेष्य के अनुसार होता है।
(v) इसमें अन्य पदार्थ प्रधान होता है।


बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही किसी संज्ञा के विशेषण का कार्य करता है। जैसे- ‘चक्रधर’ चक्र को धारण करता है जो अर्थात ‘श्रीकृष्ण’ ।
नीलकंठ- नीला है जो कंठ- कर्मधारय समास।
नीलकंठ- नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव- बहुव्रीहि समास।
लंबोदर- मोटे पेट वाला- कर्मधारय समास।
लंबोदर- लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश- बहुव्रीहि समास।

fuggy96: sorry it's wrong
Answered by harshitha7384
3

Answer:

बहूव्रिहि समास

is my answer

hope it is helpful to you

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