Hindi, asked by simiprachi4, 7 hours ago

Nirgun Kavya Dhara ka introduction and uske types​

Answers

Answered by MissAbhi
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\sf\red{Answer:-}

  • इस प्रकार इन विभिन्न मतों का आधार लेकर हिंदी में निर्गुण और सगुण के नाम से भक्तिकाव्य की दो शाखाएँ साथ साथ चलीं। निर्गुणमत के दो उपविभाग हुए - ज्ञानाश्रयी और प्रेमाश्रयी। पहले के प्रतिनिधि कबीर और दूसरे के जायसी हैं |

Answered by MohammadFazil123
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Answer:

निर्गुण भक्ति/काव्य धारा वह धारा है जिसका अनुसरण करने वाले लोग भक्ति हेतु मूर्ति या किसी वस्तु का उपयोग न करके निराकार रूप में ईश्वर की आराधना करते हैं।

निर्गुण भक्ति/काव्य धारा को दो भागों में बांटा गया है -

(क) संत

(ख)‌‌ सूफी

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