Hindi, asked by Vmallikarjuna6062, 1 year ago

Nirman ke shabdo ke Aadhar par Kahani lekhan Kijiye tatha Uske Jab DJ almari kidhar hai chawal ke Papad Chhota bachcha

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Answered by abbassuterwalapc0f18
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इंसान और पंक्षियों की दोस्ती सदियों पुरानी है। मनुष्य पंछियों को पालते आए हैं और ऐसी कई श्रेणियां हैं जिन्हे यदि खुला छोड़ दिया जाए तो खूंखार पक्षी उन्हे मार डालेंगे। उनका अच्छा जीवन पालतू पक्षी की श्रेणी में ही उचित है या नहीं, अब इस बात का फैसला सुप्रीम कोर्ट में होगा। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को आमंत्रित किया है।



गुजरात सरकार ने 2011 में एक याचिका की सुनवाई पर आदेश दिया था कि हर पक्षी को खुले आकाश में उड़ने का मौलिक अधिकार है, इसलिए किसी भी पक्षी को पिंजरे में कैद नहीं रखा जा सकता। ये बात भी मायने नहीं रखती कि पिंजरा कैसा हो। सरकार को मानना था कि पिंजरा चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, पिंजरा आखिर पिंजरा ही है।


पक्षियों को पिंजरे में रखकर बेचने वाले और पक्षी प्रेमियों ने हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर कर सरकारी आदेश को रद्द करने का आग्रह किया लेकिन हाई कोर्ट ने भी सरकार के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि अगर कोई पक्षी बेचते हुए पकड़ा जाए तो पक्षी को पिंजरे से आजाद कर दिया जाए। इसी आदेश के खिलाफ अब पेट लवर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।


सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि कानून में पहले से ही तय है कि जंगली श्रेणी में आने वाले पक्षियों को घरेलू तौर पर पाला नहीं जा सकता। कई पक्षी ऐसे हैं जिन्हें खुला छोड़ने पर बड़े जंगली पक्षी उन्हें मार देते हैं। वैसे भी लोग पक्षियों को अपने घर के सदस्यों की तरह रखते हैं और उन्हें प्यार करते हैं।


ऐसे में हाई कोर्ट का यह आदेश सही नहीं है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एचएल दत्तू की बेंच ने शुक्रवार को गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने उस व्यक्ति को भी जवाब देने के लिए कहा है कि जिसकी याचिका पर गुजरात सरकार ने पक्षियों को पिंजरे में बंद करने से प्रतिबंधित कर दिया था।


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