nitric Amla Kaise banta hai
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in the process of relagation, melting point of ice gets lowered the OC due to
Answer:
प्रयोगशाला में अब भी नाइट्रिक अम्ल सोडियम ({\displaystyle {\ce {NaNO3}}}{\displaystyle {\ce {NaNO3}}}), और सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल मिश्रण को गरम कर तैयार किया जाता है। उत्पन्न वाष्प अम्ल को एक ठंडे बरतन में निर्वात में जमा करते हैं। अभिक्रिया का समीकरण निम्नलिखित है:
{\displaystyle {\ce {NaNO3 + H2SO4 -> NaHSO4 + HNO3}}}{\displaystyle {\ce {NaNO3 + H2SO4 -> NaHSO4 + HNO3}}}
पूर्वकाल में व्यापारिक मात्रा में इसी अभिक्रिया द्वारा नाइट्रिक अम्ल तैयार किया जाता था।
दूसरी क्रिया के अनुसार वायुमंडल के ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन को विद्युत विसर्जन द्वारा संयुक्त कर नाइट्रिक अम्ल बनाते हैं। यह अभिक्रिया बर्कलैंड तथा आइड प्रक्रिया (Birkland and Eyde process) कहलाती है। विद्युत् का अत्यधिक व्यय और अम्ल की न्यून प्राप्ति के कारण इस प्रक्रिया को अब काम में नहीं लाते।
सामान्यत: नाइट्रिक अम्ल का उत्पादन अमोनिया ({\displaystyle {\ce {NH3}}}{\displaystyle {\ce {NH3}}}), के उत्प्रेरकीय ऑक्सीकरण द्वारा होता है। अमोनिया और वायु के सम्मिश्रण को ६०० डिग्री सेल्सियस तक गरम कर, प्लेटिनम धातु की जाली में होकर प्रवाहित करने पर, अमोनिया का ऑक्सीकरण हो जाता है :
{\displaystyle {\ce {4NH3 + 5O2 -> 4NO + 6H2O + 215,000 Cal.}}}{\displaystyle {\ce {4NH3 + 5O2 -> 4NO + 6H2O + 215,000 Cal.}}}
यह अभिक्रिया ऊष्माक्षेपी (exothermic) है और इसमें सम्मिश्रण १,००० डिग्री सेल्सियस तक गरम हो जाता है। तत्पश्चात् गैसों को निम्न ताप पर लाने से नाइट्रिक ऑक्साइड तथा ऑक्सीजन के बीच अभिक्रिया होती है :
{\displaystyle {\ce {2NO + O2 -> 2NO2 + 27,800 Cal}}}{\displaystyle {\ce {2NO + O2 -> 2NO2 + 27,800 Cal}}}
उत्पन्न नाइट्रिक द्विऑक्साइड को ठंडा कर अवशोषण स्तंभ (absorption towers) द्वारा प्रवाहित करते हैं, जिसमें जल की बौछार गिरती है। यहाँ पर नाइट्रिक अम्ल बनता है :
{\displaystyle {\ce {3NO2 + H2O -> 2HNO3 + NO}}}{\displaystyle {\ce {3NO2 + H2O -> 2HNO3 + NO}}}
बचे नाइट्रिक ऑक्साइड को फिर से प्रवाहित किया जाता है।
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