Hindi, asked by hemantpal990, 3 months ago

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920
मनुष्य का जीवन बहुत सन्दर्भ में ताई
उसे पग-पग पर काहिनामों का सामना
करना पड़ता है। फिर भी इश्वर के द्वारा
मनूष्म रुपी पपानकी निमित रसवी
दुर मानो धरती का रूप ही पपल गया
मह संसार फम करते रबाले
साधार पर हि आहारवटा भी उनसे
इशा करते हैं। मनुएम अपमे कम
मसाभ
जेष्ठ भन्या मजुपम ।
उचित शिर्षक
संघर्ष ममजीत
कर्मक
सारारा
मनुमके
मनुष्य का संघर्ष मम
-. saransh

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