World Languages, asked by snowheaven80, 1 month ago

No scam plz... ans immediately ​

Attachments:

Answers

Answered by Anonymous
6

किसी चित्र को देखकर उससे संबंधित मन में उठने वाले भावों को अपनी कल्पनाशक्ति के माध्यम से अभिव्यक्त करना ही 'चित्र-वर्णन' कहलाता है।

दूसरे शब्दों में - चित्र को देखकर उसमें निहित क्रियायों, स्थितियों और भावों का वर्णन ही 'चित्र-वर्णन' कहलाता है।

सरल शब्दों में - दिए गए चित्र को देख कर उस चित्र को अपने शब्दों में प्रस्तुत करना ही 'चित्र-वर्णन' कहा जाता है।

पृथ्वी पर मानव ही एकमात्र प्राणी है, जिसे ईश्वर ने कल्पनाशक्ति का वरदान दिया है। किसी भी वस्तु, दृश्य या चित्र को देख कर उसके मन में अनेक भाव जन्म लेने लगते हैं। अपने अनुभवों के कारण किसी घटना या वातावरण के प्रति उसकी अपनी प्रतिक्रिया होती है। अपने इस अनुभव या प्रतिक्रिया को सशक्त और प्रभावशाली भाषा के माध्यम से व्यक्त कर पाना ही 'चित्र-वर्णन' का उद्देश्य है।

वर्णन के लिए दिया गया चित्र किसी घटना को दर्शाने वाला, किसी पूर्ण-स्थिति को व्यक्त करने वाला, किसी व्यक्ति विशेष या प्रकृति से सम्बंधित हो सकता है।

चित्र-वर्णन के लाभ

(1) चित्र-वर्णन से वस्तुओं या दृश्यों को परखने की क्षमता का विकास होता है।

(2) चित्र-वर्णन से कल्पना शक्ति का विकास होता है।

(3) चित्र-वर्णन से अपने विचारों को एक सूत्र में पिरोकर लिखने की प्रतिभा का विकास होता है।

(4) भाषा लेखन का विकास होता है।

चित्र-वर्णन की विषेशताएँ

(1) पहले चित्र को बारीकी से देख लेना चाहिए।

(2) जो भी बातें आपको चित्र में नजर आ रही हों उन्हें अलग से लिख लेना चाहिए।

(3) यदि चित्र में व्यक्ति दिखाई दे रहे हों तो उनके चेहरों के भावों के आधार पर सुख-दुःख आदि भावनाओं को व्यक्त करना चाहिए।

(4) यदि किसी महापुरुष या चर्चित व्यक्ति का चित्र हो तो उस व्यक्ति के प्रति निजी विचारों या भावों को प्रस्तुत किया जा सकता है।

(5) वाक्य रचना करते समय उक्तियों, मुहावरों व् लोकोक्तियों का प्रयोग भी आपकी भाषा को सुंदर और प्रभावशाली बनाने में सहायक होते हैं।

(6) चित्र-वर्णन करते समय आपके सभी वाक्य चित्र से सम्बंधित होने चाहिए।

(7) चित्र-वर्णन में अनावश्यक बातों को नहीं लिखना चाहिए।

(8) चित्र-वर्णन ज्यादा बड़ा नहीं होना चाहिए, केवल 25-से-30 शब्दों तथा 7-8 वाक्यों में ही पूरे चित्र का वर्णन हो जाना चाहिए।

(9) चित्र में जितनी भी चीजें दिख रही हों सभी का वर्णन होना चाहिए।

(10) यदि चित्र के साथ शब्द भी दे रखे हों तो उन सभी शब्दों का प्रयोग आपके वाक्यों में हो जाना चाहिए।

(11) वाक्य रचना करते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि आप केवल वर्तमान समय में ही वाक्य रचना करें।

(12) पहले वाक्य में बताएँ कि 'दृश्य किसका है' और अगले वाक्य में 'दृश्य में क्या-क्या हो रहा है' ये बताएँ।

(13) इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि विषय और वाक्य में क्रमबद्धता होनी चाहिए।

चित्र-वर्णन एक कला है, जिसे अभ्यास के माध्यम से बेहतर बनाया जा सकता है। अतः बार-बार इसका अभ्यास करते रहना चाहिए।

चित्र-वर्णन का तरीका

यदि आपको संक्षिप्त रूप से कहे तो आपको चित्र-वर्णन करे समय केवल पाँच बातों को ध्यान में रखना है।

(1) सर्वप्रथम चित्र को ध्यान से देखना है।

(2) सम्पूर्ण चित्र किसका है यह बताना है।

(3) चित्र में कौन-कौन से क्रियाएँ हो रही हैं? उन्हें क्रम से लिखना है।

(4) फिर चित्र के माध्यम से कही जा रही बात को अपने शब्दों में समझाने का प्रयास करें।

(5) अंत में अपने विचार लिखिए।What behavioral adaptation helps zebras protect themselves against predators?

Similar questions