Hindi, asked by aadityaworld20, 8 months ago

NO SPAM BATA DO YAAR



PLEASE MAT DO PAR GALAT MAT BATANA​

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Answered by Anonymous
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दिनेश, तुम बिलकुल चिंता मत करो, अर्जुन मेरा भी तो बेटा है. पिंकी, बबलू तो उस के पीछे ही लगे रहते हैं.घर में ही तो रह रहा है. यह मत सोचो कि लौकडाउन में उस का यहां रहना मेरे लिए कोई परेशानी की बात होगी. मेरे लिए तो जैसे पिंकी, बबलू हैं वैसे अर्जुन. उस से बात करवाऊं?''

किचन में बरतन धोते हुए अर्जुन के कानों में बुआ अंजू के शब्द पड़े तो उस का चेहरा गुस्से से लाल हो गया. अब बुआ पापा से बात कराने के लिए उसे फोन न दे दें. नहीं करनी है उसे अपने पापा से बात.

पर बुआ ने फोन होल्ड पर रखा था. उसे पकड़ाते हुए बोलीं,” लो बेटा, अपने पापा से बात कर लो. उस के बाद थोड़ा आराम कर लेना.”

अर्जुन समझ गया कि यह सब पापा को सुनाने के लिए कहे गए हैं. उस ने हाथ धोपोंछ कर फोन बहुत बेदिली से पकड़ा. पापा उस का हालचाल ले रहे थे, उस ने बस हांहूं… में जवाब दे कर फोन रख दिया. वह बरतन धो कर चुपचाप बालकनी में रखी कुरसी पर बैठ गया.

आज मुंबई में लौकडाउन की वजह से फंसे उसे 2 महीने हो रहे थे. वह यहां वाशी में होस्टल में रह कर इंजीनियरिंग के बाद एक कोर्स कर रहा था. अचानक कोरोना के प्रकोप के चलते होस्टल बंद हो गया और सारे स्टूडैंट्स अपनेअपने घर जाने लगे.

वह सहारनपुर से आया हुआ था. उस ने अपने पिता दिनेश को कहा कि वह भी घर आ रहा है. ट्रेन या कोई भी फ्लाइट मिलने पर वह फौरन आना चाहता है.

दिनेश ने कहा,” नहीं नहीं… आने की कोई जरूरत नहीं है. यह तो कुछ दिनों की ही बात है. क्यों आओगे फिर जाओगे? वहीं अंजू बुआ के यहां चले जाओ.”

उस ने कहा था,” नहीं पापा, कुछ दिनों की बात नहीं है, मेरे सभी साथी फ्लाइट पकड़ कर घर चले गए हैं. मैं भी मुंबई से फौरन निकलना चाहता हूं.”!!

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