Art, asked by boysgujjar36, 3 months ago

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को अपनी अध्ययन सामग्री में अभापवाही
पताकारों की कला को देखें और किन्ही हों
शोपियों के बारे में लिखें।​

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Answered by Anonymous
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प्रभाववाद 19वीं सदी का एक कला आंदोलन था, जो पेरिस-स्थित कलाकारों के एक मुक्‍त संगठन के रूप में आरंभ हुआ, जिनकी स्‍वतंत्र प्रदर्शनियों ने 1870 और 1880 के दशकों में उन्‍हें प्रतिष्ठा दिलवाई. इस आंदोलन का नाम क्‍लाउड मॉनेट की कृति इम्प्रेशन, सनराइज़ (Impression, soleil levant) से व्युत्‍पन्‍न है, जिसने आलोचक लुई लेरॉय को ले शैरीवेरी में प्रकाशित एक व्‍यंगात्‍मक समीक्षा में शब्द गढ़ने को उकसाया.

क्लॉड मोनेट, इम्प्रेशन, सोलेल लेवांट (इम्प्रेशन, सनराइज़), 1872, कैनवास पर तेल, म्यूज़ी मारनोटान

प्रभाववादी चित्रों की विशेषताओं में अपेक्षाकृत सूक्ष्‍म, बारीक़, लेकिन दृष्टिगोचर ब्रश स्पर्श, मुक्त संयोजन, प्रकाश का उसके परिवर्तनशील गुणों के साथ स्‍पष्‍ट चित्रण (प्राय: समय व्‍यतीत होने के प्रभावों को अंकित करते हुए), सामान्‍य विषयवस्‍तु, मानव-बोध और अनुभव के रूप में गति को एक महत्‍वपूर्ण तत्‍व के रूप में शामिल करना और असामान्‍य दृश्‍यात्मक कोण शामिल हैं। दृश्‍य कला में प्रभाववाद के उद्भव का शीघ्र ही अन्‍य माध्‍यमों में सदृश आन्‍दोलनों द्वार अनुगमन किया जाने लगा, जो प्रभाववादी संगीत और प्रभाववादी साहित्‍य के रूप में विख्यात हुआ।

प्रभाववाद इस शैली में सृजित कला को भी निरूपित करता है, परंतु 19वीं सदी के परवर्ती समयावधि से बाहर.

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