Hindi, asked by hemantraj151278, 7 months ago

ओंकार एवेदं सर्वं यह कहा कहा गया ?​

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Answered by taekook7013
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Answered by vivekanand52
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Answer:

ओंकार एवेदं सर्वं हैं ये वाल्मीकि की रामायण में कहा गया।

Explanation:

वाल्मीकि की रामायण। लगभग 24,000 श्लोकों में से एक में 'रामायण' को लंका कांड भी कहा गया है। ये तीनों देवता मिलकर इस ओम (त्रिदेव) की रचना करते हैं।

ओम का महत्व: हम जिस ब्रह्मांड में रहते हैं, उसमें ओम सर्वव्यापी है, जिसका अर्थ है कि यह हर जगह व्याप्त है।

ओम के बिना इस संसार की कल्पना करना असंभव है। आप देखेंगे कि जब आप योग या ध्यान की स्थिति में होते हैं, तब भी जब आप इसका जप नहीं कर रहे होते हैं तब भी ओम ध्वनि स्वाभाविक रूप से आपके पास आती है।

यह तब होता है जब आप अपनी ध्यान मुद्रा के शीर्ष पर पहुंच जाते हैं, जो तब होता है जब आप इसमें पूरी तरह से लीन हो जाते हैं। प्रणव "ओम," दिव्य पाठक हैं। और सृष्टि की संपूर्णता इसी ओम में एकीकृत है।

ओंकार के बारे में अधिक जानने

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