odd even rule essay in hindi
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प्रस्तावना: - किसी भी समस्या से निपटने के लिए विचार की शक्ति अहम होती है। ’जहां है जैसा है’ चलता है’ से आगे बढ़कर कुछ अलग सोचने की जरूरत होती है। वायु प्रदूषण गंभीर समस्या है। इससे निपटने की शुरूआत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने की है। निजी कारों के लिए सम/विषम नंबर प्लेट के आधार पर चलने के दिन निर्धारित करने का उपाय खोजा है। यह एक नई पहल है। समर्थन-विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इस अल्पकालिक उपाय को बरतकर दीर्घकालिक हल खोजने होंगे। अन्य शहर भी पहल करें। कार व सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के इस्तेमाल से आवागमन संबंधी असुविधा का मुकाबला किया जा सकता है। हमें अपने सुविधा स्तर पर भी बदलाव करने होगे।
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दिल्ली: - में प्रदूषण का स्तर बहुत ही खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रदूषण की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए ही इस राज्य को गैस नंबर कहकर संबोधित किया है इतनी खतरनाक स्थिति के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक-एक दिन छोड़कर सम और विषम संख्या वाहन चलाने का फैसला लिया है। इस फैसला का स्वागत किया जाना चाहिए। दिल्ली में रोजाना बड़ी संख्या में वाहनों की बिक्री होती है और शायदें संसार में सर्वाधिक वाहनों का संचालन इसी शहर में होता है। यहां केवल स्थानीय वाहन ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रदेशों से आने वाले वाहनों का भी भारी संख्या में संचालन होता है। दिल्ली में हरियाली काफी है, इसके बावजूद वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण को रोक पाना नाकाफी साबित हो रहा है। ऐसे में यदि एक दिन छोड कर सम और विषम संख्या वाले वाहनों का संचालन होगा तो निश्चित तौर पर 50 फीसदी प्रदूषण में कमी आ सकती है। यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। भले ही एक बार यह फैसला असुविधाजनक लगे लेकिन यह आम जनता के हित में लिया गया फैसला है। आखिरकार इससे आम जनता को ही लाभ मिलेगा। इस फेसले को दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों के मेट्रो शहरों में और बी ग्रेड कहे जाने शहरों में भी लागू किया जा सकता हैं। सरकार कों भी एक बार राजनीतिक हितो को छोड़कर यह फैसला लेना होगा।..............
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Thank you it was very much helpful
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