Oh gagan ke jagmagate deep poem summary
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Ih gagan ke jagmagate deep poem summary .
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कवि हरिवशराय राय बच्चन जी इस कविता में हताश होकर आकाश में चमक रहे तारों को दीपक मानते हुए उनसे कह रहे है की क्या तुम मेरे टूटे हुए हृदय में रोशनी या ख़ुशी के कुछ पल भर सकते हो। तथातारो से कहते हैं कि उनके सपने कहीं घुप्प अँधेरी रात में खो गयी हैं, कृपया तुम उन सपनो को वापस कर दो। लेखक अपने हृदय के दर्द को कम करने की ख्वाइश से आसमान में चमकते तारों से मिन्नते कर रहें हैं। सपने टूट जाने की वजह से जो भटकाव मन को अशांत कर रहा हैं उसकी वजह से आंखों की नींद चली गयीं हैं, उसके वापस पाने की तमन्ना से वो आकाश में चमकने वाले तारे से प्रार्थना कर रहे हैं।
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