ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल फोन की विज्ञापन
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मोबाइल फोन के अधिक इस्तेमाल से बच्चे हो रहे बीमार
गोरखपुर। ऑनलाइन क्लास के लिए बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन आया, तो इसके दुष्प्रभाव भी दिखने शुरू हो गए हैं। क्लास के खत्म होने के बाद भी उनका मोबाइल फोन से मोह नहीं छूट रहा है। यही वजह है कि नींद में भी उन्हें मोबाइल फोन पर संदेश आने का आभास हो रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह एक तरह की मानसिक समस्या (नोमोफोबिया) है। अभिभावकों को सजग रहने की जरूरत है। काउंसिलिंग से इसपर काबू पाया जा सकता है।
कोरोना महामारी के बीच किशोर और किशोरियों को छह से आठ घंटे मोबाइल फोन स्क्रीन पर ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ रही है। सोशल साइट व अन्य गतिविधियों को लेकर इसके बाद भी बच्चे मोबाइल फोन से ही चिपके रहते हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मनोविज्ञान विभाग में इस तरह की शिकायतें कई अभिभावकों ने की हैं। कई किशोरों की काउंसिलिंग भी कराई गई है। कई फोन पर ही डॉक्टरों से सलाह ले रहे हैं।