ऑनलाइन कक्षा से संबंधित उसके पक्ष पर अनुच्छेद
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यद्यपि ऑनलाइन शिक्षा की सीमाएं हैं, लेकिन ऑनलाइन सीखने के कई लाभ हैं, जो नीचे दिए गए आलेख में सूचीबद्ध हैं
शिक्षा किसी व्यक्ति के विकास और समुदाय की समृद्धि के लिए भी योगदान देती है। ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कई संचार मोड का उपयोग करके, शिक्षकों और छात्रों दोनों को विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान करने, परियोजनाओं पर, घड़ी के आसपास, दुनिया भर में कहीं-भी काम करने की अनुमति देती है। ई-लर्निंग दूरस्थ शिक्षा का एक रूप है, जहां शिक्षक के पास ट्यूटर की भूमिका कम होती है और उसकी शिक्षा में छात्र का योगदान सामान्य अध्ययन की स्थिति से अधिक होता है। नीचे ऑनलाइन शिक्षा के कुछ फायदे हैं
शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
ऑनलाइन शिक्षा कंप्यूटर-आधारित अनुकूली परीक्षण प्रदान करती है और वैकल्पिक शिक्षा और विचारों को बढ़ावा देती है। यह छात्रों, शिक्षकों, माता-पिता, पूर्व छात्रों, कार्यकर्ताओं और संस्थानों और सांख्यिकीय प्रतिक्रिया द्वारा निरंतर सुधार के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करता है। ऑनलाइन शिक्षा छात्रों, शिक्षकों, और स्कूलों और विश्वविद्यालयों को मापने और रैंक करने और छात्रों के सर्वांगीण विकास को पुरस्कृत करने के लिए एक सतत ग्रेडिंग प्रणाली प्रदान करती है|
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लॉकडाउन में बंद पड़े स्कूलों के चलते शुरू की गई ऑनलाइन पढ़ाई में छात्र ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। यही कारण है कि इन कक्षाओं से करीब आधे छात्र ही जुड़ पाए हैं। इसके अलावा कहीं नेट की रफ्तार तो कहीं संसाधनों की कमी ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावित कर रही है। अभिभावक बच्चों के असाइनमेंट तैयार करने में जुटे हैं तो अधिकतर शिक्षक भी इसे कई कारणों से ज्यादा प्रभावी नहीं मान रहे। हिन्दुस्तान टीम की रिपोर्ट...
कक्षा के लिए बने ग्रुप में नहीं जुड़े पूरे छात्र
दिल्ली शिक्षा निदेशालय की तरफ से शुरू की गई ऑनलाइन कक्षाओं के तहत संसाधनों की कमी का सबसे अधिक सामना 10वीं और 12वीं के छात्रों को करना पड़ रहा है। निदेशालय के एक शिक्षक के मुताबिक जिन बच्चों ने अभी 9वीं व 11वीं पास की है। उन्हें ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए कक्षा शिक्षक ने व्हाट्सएप ग्रुप बनाए हैं। इन ग्रुप के माध्यम से ही ऑनलाइन कक्षाओं का आयोजन व निगरानी होती है। कक्षा में पंजीकरण के हिसाब से एक कक्षा के लिए बनाए गए ग्रुप में 40 से 50 छात्र होने चाहिए। लेकिन, इन ग्रुपों में बड़ी संख्या में छात्र ही नहीं जुड़े हैं। आलम यह है कि किसी ग्रुप में 50 फीसद तो किसी ग्रुप में 60 फीसदी छात्र ही जुड़े हैं।
शिक्षक के मुताबिक इसके पीछे जो प्रथम दृष्टया कारण समझ आ रहा है, वह यह है कि कई छात्रों के पास इन ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने के लिए जरूरी संसाधन नहीं है। इसमें स्मार्ट फोन, लैपटॉप या इंटरनेट जैसे संसाधन प्रमुख हैं।
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