Hindi, asked by babusaheb1939, 10 months ago

ऑनलाइन पढ़ाई के संबंध में दो लामो
के मध्य बातचीत को संताद के रूप में
लितिर।​

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Answered by princekumar923
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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : लॉकडाउन की स्थिति ने स्कूली पढ़ाई के क्षेत्र में तकनीक के इस्तेमाल के नए द्वार खोल दिए हैं। इसके लिए वाट्सएप, जूम एप, फेसबुक जैसे सोशल प्लेटफार्म का उपयोग किया जा रहा है, लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई में उलझन ज्यादा और समाधान कम है। एकतरफा संवाद के कारण बच्चे खुद को फंसा पाते हैं। वहीं नए सत्र की किताबों नहीं होने के कारण अभिभावक भी बच्चों की सहायता नहीं कर पाते। नतीजतन बच्चों को टास्क को पूरा करने में दिक्कत हो रही है।

आधुनिक तकनीक से लैस पढ़ाई की इस नई विधा की जमीनी स्थिति की पड़ताल करने के लिए जागरण की टीम ने शहर के अधिकांश स्कूलों के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के बातचीत कर जानना चाहा कि अब तक इस कवायद का फलाफल कैसा है? इस दौरान कई तरह की स्थिति देखने को मिली। अधिकांश स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान स्मार्टफोन पर वाट्सएप को माध्यम बनाया गया है, जिसमें स्कूल टीचर की ओर से एकतरफा संवाद होता है। बच्चों को टास्क तो भेज दिया जा रहा लेकिन समाधान के तरीके बताने के कोई व्यवस्था नहीं है। हां, कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां जूम एप के माध्यम से जीवंत क्लास चलाने का प्रयास किया जा रहा और बच्चों को उनके सवालों का जवाब भी दिया जा रहा। लेकिन ऐसे स्कूलों की संख्या कम है। शहर और आसपास के इलाकों में सीबीएसई या आइसीएसई से मान्यताप्राप्त स्कूलों की संख्या 50 से ज्यादा है। विद्यार्थियों की संख्या एक लाख से ऊपर है। यदि सरकारी स्कूलों को इसमें शामिल कर लिया जाए तो बच्चों की संख्या और बढ़ा जाती है।

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