ऑनलाइन शिक्षा: आज का एक सशक्त माध्यम speech in hindi
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शिक्षा लोगो के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अच्छी शिक्षा प्राप्त करना हर देश के नागरिक का अधिकार है। शिक्षित व्यक्ति अच्छी शिक्षा के बलबूते पर अपने करियर का निर्माण करता है। शिक्षण और अन्य महान आविष्कारों में प्रगति के कारण 1950 की तुलना में शिक्षा आज बहुत विविध है। आजकल वर्तमान जीवन में ऑनलाइन शिक्षा का बोलबाला है। ऑनलाइन शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जहाँ शिक्षक दूर से और दुनिया के किसी भी कोने से इंटरनेट के माध्यम से जुड़ सकता है। शिक्षक स्काइप ,ज़ूम इत्यादि एप्प के ज़रिये वीडियो कॉल करते है और बच्चे लैपटॉप या कंप्यूटर पर शिक्षक को देख और सुन सकते है। शिक्षक बच्चो को पढ़ाने के लिए अपने कंप्यूटर की स्क्रीन शेयर करते है जिससे बच्चे घर बैठे शिक्षा प्राप्त कर पाते है।
लॉकडाउन के इस वक़्त जहाँ सभी शिक्षा केंद्र बंद है। वहां ऑनलाइन शिक्षा ने अपनी जगह बना ली है। आज दुनिया के सारे देशो के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग करके आसानी से पढ़ाई कर पा रहे है। ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए अच्छी और तीव्र गति की इंटरनेट कनेक्टिविटी की ज़रूरत है। शिक्षक दूरस्थ शिक्षा में वीएच अस वीडियो, डीवीडी और इंटरनेट के पाठ्यक्रमों के अनुसार बच्चो को पढ़ाते है। 1993 में ऑनलाइन शिक्षा कानूनी कर दी गयी और यह एक अनोखा तरीका है जिसके माध्यम से सभी उम्र के छात्र पढ़ सकते है। इंटरनेट की सहजता के कारण वर्षो से ऑनलाइन शिक्षा लोकप्रिय हो रही है।
आज की वर्तमान स्थिति में बच्चे स्कूल और कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे है लेकिन ऑनलाइन शिक्षा ने रास्ता काफी आसान कर दिया है। बच्चे निश्चिंत होकर घर पर अपनी पढ़ाई पूरी कर पा रहे है। कुछ बच्चे दूर शिक्षकों के घर या कोचिंग संगठनों में जाकर पढ़ाई नहीं कर पाते है। वह ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से अपनी पढ़ाई पूरी करते है और परीक्षा देकर ऑनलाइन डिग्री हासिल कर लेते है। आजकल ज़्यादातर प्रोफेशनल कोर्सेज ऑनलाइन होती है। विद्यार्थी ऑनलाइन पढ़ते है और ऑनलाइन परीक्षा देकर अपनी निश्चित डिग्री प्राप्त कर लेते है।
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21वीं शताब्दी को डिजिटल युग कहा गया है। इंटरनैट के साथ लोगों में एक बड़ा बदलाव लाने के साथ हम सरल कार्यों को पूरा करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग पर भारी निर्भर हैं। आप में से अधिकांश ने डिजिटल लॄनग के बारे में सुना होगा, इसे वैब आधारित शिक्षा के साथ प्रतिस्थापित किया गया है जो छात्र के सीखने के अनुभव को मजबूत करता है।
किसी भी विद्यार्थी के लिए परीक्षा जरूरी होती है। परीक्षा देकर ही विद्यार्थी एक कक्षा से दूसरी कक्षा में जाते हैं। परीक्षा से लोगों अथवा विद्याॢथयों की गुणवत्ता को परखने का सिलसिला अनंत काल से चला आ रहा है। अनंत काल में ऋषि-मुनि घोर तपस्या करके, अनेक परीक्षाएं देकर वर प्राप्त करते थे। समय बदला तो गुरु अपने शिष्यों से परीक्षाएं लेने लगे लेकिन आज आधुनिक युग का समय है। प्रत्येक वस्तु तकनीक पर आधारित है। मानव ने अपने उपयोग के लिए तकनीकी मानव (रोबोट) भी तैयार कर लिया है तो इससे शिक्षा व परीक्षा भी कैसे अछूती रह सकती थी।
शिक्षा को तो लोगों ने पहले ही तकनीक के माध्यम से अपना लिया था लेकिन परीक्षा अभी भी कागज के पन्नों पर उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन करके ली जाती है। तत्पश्चात विद्याॢथयों को उनका परीक्षा फल प्राप्त होता है। इस तरह से इस प्रक्रिया में काफी समय लग जाता है। यह भी कहा जाता है कि हमारे सीखने का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा ज्ञान पर ही केन्द्रित होता है। लेकिन 90 प्रतिशत नौकरियां स्किल्स पर ही निर्भर करती हैं। ऐसे में यह माना जाता है कि सरकार को इस अंतर को दूर करने के लिए के-12 शिक्षा पर अधिक जोर देने की जरूरत है। के-12 शिक्षा का मतलब किंडरगार्टन यानी केजी से लेकर 12 वीं कक्षा तक है। आज दुनिया भर में कोरोना वायरस ने अपने पांव फैलाए हुए हैं। विद्यार्थियों की परीक्षाएं व उनके परिणाम अधर में लटक गए हैं। परिणाम पाने के लिए विद्यार्थियों को परीक्षा केंद्र में आकर परीक्षाएं देनी होंगी जो मौजूदा स्थिति को देखते हुए सम्भव नहीं लग रहा है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने भी कहा है, ‘कोरोना विषाणु से संक्रमण के संकट को देखते हुए हम विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ किसी भी तरह का जोखिम नहीं ले सकते। हर विद्यार्थी को स्कूल के आन्तरिक मूल्यांकन के आधार पर पदोन्नत किया जाए। अब प्रश्न उठता है कि जो परीक्षाएं बोर्ड तथा यूनिवर्सिटी से सम्बन्धित थीं उन विद्यार्थियों को कैसे पदोन्नत किया जाए। मेरा मानना है कि हमें भी पश्चिमी देशों की तरह ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को लागू कर उस पर जोर देना होगा। इस परीक्षा प्रणाली के अनेक फायदे भी हैं।
छात्रों को पढ़ाने के लिए उन्हें लागू करने से पहले विभिन्न डिजिटल लर्निंग उपकरण और कार्यक्रमों के आदी होने के लिए शिक्षक की जिम्मेदारी सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण है। यह न केवल विद्यार्थियों के लिए बल्कि शिक्षकों को हाइब्रिड लॄनग या डिजिटल सामग्री संसाधनों के साथ सशक्त बनाने का एक सर्वोत्तम अवसर है। वैब आधारित डिजिटल लर्निंग शिक्षा के बारे में और अधिक फायदे यह हैं कि इसने शिक्षकों को अपनी दक्षता और उत्पादकता बढ़ाने की अनुमति दी है। विभिन्न प्रकार के डिजिटल उपकरणों से परिचित होने में आपको उन्हें सीखने के लिए कुछ समय देना होगा। फिर आप तय कर सकते हैं कि सबसे अच्छी शिक्षण पद्धति यह है कि आप कक्षा में अपने छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए नियोजित कर सकते हैं। आपको यह तय करने की भी आवश्यकता है कि शिक्षण पद्धति छात्रों या विशेष विषय के लिए उपयुक्त है या नहीं।
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