ऑनलाइन शिक्षा का महत्व बताइए शब्द सीमा 100 से 150 तक
Answers
Answer:
कोरोना संकट के दौर में शैक्षणिक संस्थानों के आगे जो चुनौती है उसमें ऑनलाइन एक स्वाभाविक विकल्प है. ऐसे समय में विद्यार्थियों से जुड़ना समय की ज़रूरत है, लेकिन इस व्यवस्था को कक्षाओं में आमने-सामने दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकल्प बताना भारत के भविष्य के लिए अन्यायपूर्ण है.
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
शिक्षा अपने मूल में सामाजीकरण की एक प्रक्रिया है. जब-जब समाज का स्वरूप बदला शिक्षा के स्वरूप में भी परिवर्तन की बात हुई. आज कोरोना संकट के दौर में ऑनलाइन शिक्षा के जरिये शिक्षा के स्वरूप में बदलाव का प्रस्ताव नीति निर्धारकों के द्वारा पुरजोर तरीके से रखा जा रहा है.
ऐसे में यह देखना जरूरी है कि समाज की संरचना और उसके उद्देश्य में ऐसा कौन-सा मूलभूत परिवर्तन हो गया है कि इसे अवश्यंभावी बताया जा रहा है. आजादी के बाद स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित राष्ट्रीयता वाला सार्वभौमिक शिक्षा का मॉडल क्या अब किसी काम के लायक नहीं बचा?ऑनलाइन शिक्षा मात्र तकनीक नहीं सामाजीकरण की नई प्रक्रिया है जिसके जरिये सरकार और नीति निर्धारकों की नीति व नीयत को समझा जा सकता है और उसे उसी रूप में देखने की भी जरूरत है.
कोरोना संकट में शारीरिक दूरी बनाए रखकर शिक्षा के लिए तकनीकी का प्रयोग एक बात है. वैसे भी तकनीकी के विकास के साथ ही शिक्षा में भी उसका उपयोग होता रहा है. यह होना जरूरी भी है.
ब्लैकबोर्ड से लेकर स्मार्टबोर्ड तक बदलती तकनीकी का उपयोग क्लासरूम टीचिंग को मजबूत और रुचिकर बनाने के लिए किया जाता था है. लाइब्रेरी का डिजिटल होना उसी प्रक्रिया का एक रूप है.
प्रोफेसरों के व्याख्यान को रिकॉर्ड करना और उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराना भी तकनीकी का उपयोग करना ही है. इन तकनीकों का उपयोग कर सामाजीकरण की प्रक्रिया को शिक्षा के द्वारा बढ़ाया जाता रहा था.