History, asked by shristi857885834, 10 months ago


ऑस्ट्रेलिया के विकास के लिए जिम्मेदार प्रमुख संसाधनों और उनके प्रबंधन की व्यख्या करे

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Answered by amarpriya3006
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Answer:ऑस्ट्रेलिया का इतिहास कॉमनवेल्थ ऑफ ऑस्ट्रेलिया और इससे पूर्व के मूल-निवासी तथा औपनिवेशिक समाजों के क्षेत्र और लोगों के इतिहास को संदर्भित करता है। ऐसा माना जाता है कि ऑस्ट्रेलिया की मुख्य भूमि पर ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों का पहली बार आगमन लगभग 40,000 से 60,000 वर्षों पूर्व इंडोनेशियाई द्वीप-समूह से नाव द्वारा हुआ। उन्होंने पृथ्वी पर सबसे लंबे समय तक बची रहने वाली कलात्मक, संगीतमय और आध्यात्मिक परंपराओं में कुछ की स्थापना की।

सन् 1606 में ऑस्ट्रेलिया पहुँचे डच नाविक विलेम जैन्सज़ून यहाँ निर्विरोध उतरने वाले पहले यूरोपीय व्यक्ति थे। इसके बाद यूरोपीय खोजकर्ता लगातार यहाँ आते रहे। सन् 1770 में जेम्स कुक ने ऑस्ट्रेलिया की पूर्वी तट को ब्रिटेन के लिए चित्रित कर दिया और वे बॉटनी बे (अब सिडनी में), न्यू साउथ वेल्स में उपनिवेश बनाने का समर्थन करने वाले विवरणों के साथ वापस लौटे। एक दंडात्मक उपनिवेश की स्थापना करने के लिए ब्रिटिश जहाजों का पहला बेड़ा जनवरी 1788 में सिडनी पहुँचा। ब्रिटेन ने पूरे महाद्वीप में अन्य उपनिवेश भी स्थापित किए। पूरी उन्नीसवीं सदी के दौरान आंतरिक भागों में यूरोपीय खोजकर्ताओं को भेजा गया। इस अवधि के दौरान नए रोगों के संपर्क में आने और ब्रिटिश उपनिवेशवादियों के साथ हुए संघर्ष ने ऑस्ट्रेलिया के मूल निवासियों को बहुत अधिक कमज़ोर बना दिया।

सोने की खानों और कृषि उद्योगों के कारण समृद्धि आई और उन्नीसवीं सदी के मध्य में सभी छः ब्रिटिश उपनिवेशों में स्वायत्त संसदीय लोकतंत्रों की स्थापना की शुरुआत हुई। सन् 1901 में इन उपनिवेशों ने एक जनमत-संग्रह के द्वारा एक संघ के रूप में एकजुट होने के लिए मतदान किया और आधुनिक ऑस्ट्रेलिया अस्तित्व में आया। विश्व-युद्धों में ऑस्ट्रेलिया ब्रिटेन की ओर से लड़ा और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान शाही जापान द्वारा संयुक्त राज्य अमरीका को धमकी मिलने पर ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राज्य अमरीका का दीर्घकालिक मित्र साबित हुआ। एशिया के साथ व्यापार में वृद्धि हुई और युद्धोपरांत एक बहु-सांस्कृतिक आप्रवास कार्यक्रम के द्वारा 6.5 मिलियन से अधिक प्रवासी यहाँ आए, जिनमें प्रत्येक महाद्वीप के लोग शामिल थे। अगले छः दशकों में जनसंख्या तिगुनी होकर 2010 में लगभग 21 मिलियन तक पहुँच गई, जहाँ 200 देशों के मूल नागरिक मिलकर विश्व की चौदहवीं सबसे बड़ी अर्थ-व्यवस्था का निर्माण करते हैं।[1]

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