ओजोन गैस की परत में छेद होने से कि समस्या का सामना करना पड़ रहा है
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इस रक्षा कवच में किसी भी छेद से बर्फ़ के पिघलने की गति काफ़ी बढ़ सकती है और यह जीवधारियों के प्रतिरोधक प्रणाली को प्रभावित कर सकती है. इससे मनुष्यों को स्किन कैंसर या रतौंधी जैसी बीमारियां हो सकती है. सीएएमएस के मुताबिक़ हालांकि आर्कटिक क्षेत्र के वायुमंडल के ऊपर ओज़ोनपरत पर छोटे छेद मिले चुके हैं.
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