Science, asked by rajpurohitgulab42, 9 months ago

ओजोन परत का छेद किस प्रकार ठीक होस कता है?​

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Answered by devashishdhakad
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Explanation:

दुनिया इस समय कोविड-19 महामारी से लड़ रही है। वहीं एक अच्छी खबर यह है कि पृथ्वी के बाहरी वातावरण की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ओजोन परत पर बना सबसे बड़ा छेद स्वत: ही ठीक हो गया है। वैज्ञानिकों ने पुष्टि है कि आर्कटिक के ऊपर बना दस लाख वर्ग किलोमीटर की परिधि वाला छेद बंद हो गया है। इसके बारे में वैज्ञानिकों को अप्रैल महीने की शुरुआत में पता चला था।

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माना जा रहा था कि ये छेद उत्तरी ध्रुव पर कम तापमान के परिणामस्वरूप बना था। ओजोन की यह परत सूर्य से आने वाली खतरनाक पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है। यह किरणें त्वचा कैंसर का प्रमुख कारण हैं। यदि इस छेद का दायरा पृथ्वी के जनसंख्या वाले मध्य और दक्षिण के इलाके की ओर बढ़ता तो इससे इंसानों के लिए सीधा खतरा पैदा हो जाता।

यूरोपीय आयोग की ओर से लागू किए गए कॉपरनिकस एटमॉसफेयर मॉनिटरिंग सर्विस (सीएएमएस) और कॉपरनिकस चेंज सर्विस (सी3एस) ने अब पुष्टि की है कि उत्तरी ध्रुव पर बना यह छेद अपने आप ठीक हो गया है। एजेंसी द्वारा किए गए हालिया ट्वीट में इसके पीछे के कारण बताए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए दुनिया के अधिकांश देशों में लागू लॉकडाउन की वजह से इस पर कोई असर नहीं पड़ा है। बल्कि इसके ठीक होने के पीछे पोलर वर्टेक्स प्रमुख वजह है, जो ध्रुवीय क्षेत्रों में ठंडी हवा लाता है। कॉपरनिकस का कहना है कि इस साल का पोलर वर्टेक्स काफी शक्तिशाली था।

वर्टेक्स के परिणामस्वरूप स्ट्रैटोस्फेरिक बादलों की उत्पत्ति हुई जिसने सीएफसी गैसों के साथ प्रतिक्रिया करके ओजोन परत को नष्ट कर दिया। बता दें कि इसांनों द्वारा 1987 में मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में सीएफसी गैसों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया गया था।

अब पोलर वर्टेक्स कमजोर पड़ गया है जिसके कारण ओजोन परत में सामान्य स्थिति लौट आई है। हालांकि कॉपरनिकस का कहना है कि यह वर्टेक्स दोबारा बन सकता है लेकिन अगली बार यह ओजोन परत को ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। बता दें कि ओजोन परत पर बने छेद को वैज्ञानिकों ने इतिहास का सबसे बड़ा छेद करार दिया था।

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