Hindi, asked by Sailaja123, 1 year ago

Old people story In hindi

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Answered by svvmspltd
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इस संसार में बहुत से लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने कार्योँ से अपनी उम्र को पीछे छोड़ दिया। यह बात सच है कि हमारे शरीर के कार्य करने की एक सीमा है। उम्र बढ़ने के साथ शरीर के कार्य करने की क्षमता घटती जाती है, लेकिन जिन लोगों के हौसले बुलंद होते हैं, जो जीवन में कुछ कर गुजरने की चाह रखते हैं, जिनमें उत्साह – उमँग होता है, जिनकी इच्छाशक्ति व संकल्पशक्ति मजबूत होती है, ऐसे व्यक्तियों के सामने कोई बाधा बड़ी नहीं होती। ऐसे व्यक्ति आत्मविश्वास से भरे हुयें होते है, जो असंभव को भी संभव बना देते है।

युवा किसी आयु अवस्था का नाम नहीं, बल्क़ि शक्ति का नाम है। जिसने अपने मन और आत्मा की शक्ति को जगा लिया, वह ७० वर्ष की आयु में भी युवा है।

बहुत से लोग उम्र बढ़ने के साथ – साथ सोचने लगते हैं कि अब तो हमारी उम्र हो गयी है, “अब हमसे ये सब नहीं हो सकता”। उनकी यही सोच उन्हें निर्बल बना देती है और कुछ कार्य नहीं करने देती। व्यक्ति जितना अपने शरीर से कार्य करता है, उससे कई गुना कार्य वह अपने मन से करता है। यदि मन की शक्तियाँ ही उसकी कमजोर पड़ गई हैं, तो फिर जरूरत है उन्हें जगाने की।

शक्तियों के जागरण से संबंधित एक ऐतिहासिक कथा याद आती है।

एक राजा के पास कई हाथी थे, लेकिन एक हाथी बहुत शक्तिशाली था, बहुत आज्ञाकारी, समझदार व युद्ध-कौशल में निपुण था। बहुत से युद्धों में वह भेजा गया था और वह राजा को विजय दिलाकर वापस लौटा था, इसलिए वह महाराज का सबसे प्रिय हाथी था। समय गुजरता गया और एक समय ऐसा भी आया, जब वह वृद्ध दिखने लगा। अब वह पहले की तरह कार्य नहीं कर पाता था। इसलिए अब राजा उसे युद्ध क्षेत्र में भी नहीं भेजते थे। एक दिन वह सरोवर में जल पीने के लिए गया, लेकिन वहीं कीचड़ में उसका पैर धँस गया और फिर धँसता ही चला गया। उस हाथी ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह उस कीचड़ से स्वयं को नहीं निकाल पाया। उसकी चिंघाड़ने की आवाज से लोगों को यह पता चल गया कि वह हाथी संकट में है। हाथी के फँसने का समाचार राजा तक भी पहुँचा।

राजा समेत सभी लोग हाथी के आसपास इक्कठा हो गए और विभिन्न प्रकार के शारीरिक प्रयत्न उसे निकालने के लिए करने लगे। जब बहुत देर तक प्रयास करने के उपरांत कोई मार्ग नहीं निकला तो राजा ने अपने सबसे अनुभवी मंत्री को बुलवाया। मंत्री ने आकर घटनास्थल का निरीक्षण किया और फिर राजा को सुझाव दिया कि सरोवर के चारों और युद्ध के नगाड़े बजाए जाएँ। सुनने वालोँ को विचित्र लगा कि भला नगाड़े बजाने से वह फँसा हुआ हाथी बाहर कैसे निकलेगा, जो अनेक व्यक्तियों के शारीरिक प्रयत्न से बाहर निकल नहीं पाया।

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