History, asked by nhggggddtv, 1 year ago

ओम ध्वज पूरी कविता का व्याख्या कीजिए

Answers

Answered by MoAmansheikh
2
I hope you understand please mark as marand please follow me
Attachments:

nhggggddtv: wrong
Answered by Divyasamota
2
वीरों की उठती उमंग बन
सागर की मचली तरंग बन
अमर फाग का दिव्य रंग बन
लहरा लहरा ध्वजा ओम की!

प्रेम पवन के मधुर झकोरे
स्नेह सुधा के सुभग हिलोरे
टंकारे  के वानक गोरे
आ फिर बन जा ध्वजा ओम की!

मोर्वी की टंकार गुंजा फिर
विश्व विजय का तार हिला फिर
वह वैरी से प्यार दिखा फिर
चहुँ दिश चमका ध्वजा ओम की!

जय जय जय पाखण्ड खंडनी
जय जय जय दुश्चरित दंडनी
जय जय जय सद्धर्म मंडनी
दुखहर सुखदा ध्वजा ओम की!

फिर ऋषियों के साम गान हों
मनुज मात्र के वेद प्राण हों
जीव जात बांधव समान हों
ऐसा युग ला ध्वजा ओम की!

ओम ओम का कर उच्चारण

निश दिन करती जा प्रभु पूजन
अविरत चिंतन अविरत सिमरण
यह रस बरसा ध्वजा ओम की!

किस दीपक की ज्वाला है तू
किस उर की मणिमाला है तू
उतरी ज्यों सुर बाला है तू
गिरी निश शोभा ध्वजा ओम की!

हम सब तुझ पर प्राण वार दें
जननी पर जी जान वार दें
सुख संपत सम्मान वार दें
यह वर दे जा ध्वजा ओम की!

-पंडित चमूपति


nhggggddtv: No
nhggggddtv: wrong
Similar questions