Hindi, asked by shahnawaj274, 10 months ago


नीचे लिखे गद्यांश को पढ़िए और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
दुनिया काँच के महल जैसी है। अपने स्वभाव की छाया उस पर पड़ती है। आप भले तो जग भला, आप बुरे तो
जग बुरा। अगर आप प्रसन्नचित रहते हैं, दूसरों के दोषों को न देखकर उनके गुणों की ही ओर ध्यान देते हैं तो
दुनिया भी आपसे नम्रता एवं प्रेम का बर्ताव करेगी। अगर आप हमेशा लोगों के ऐवों की ओर देखते हैं उन्हें अपना
शत्रु समझते हैं और उनकी ओर मौका करते है तो फिर वे क्यों न आपकी ओर गुस्से से दौड़ेगें? अंग्रेजी में एक
कहावत है कि अगर आप हसेंगे तो दुनिया भी आपका साथ देगी पर अगर आपको गुस्सा होना और रोना ही है
तो दुनिया से दूर किसी जंगल में चले जाना ही हितकर होगा।

(क) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए-

ख) यदि आप दोष न देखकर दूसरों के गुणों को ही देखेंगे तो लोग आपके साथ कैसा व्यवहार करेंगे?

(ग) प्रायः गुस्सा करने और रोने वाले के लिए लेखक ने क्या सलाह दी है ?

(घ) 'रंगीन' शब्द व्याकरण की दृष्टि से क्या है ?​

Answers

Answered by yruma1160
1

Answer:

(क) गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक है कि और हमें सबसे अच्छे से प्रेम भाव से रहना चाहिए ना की दुश्मनी से और गुस्सा से।

(ख) यदि आप दोस्त ना देख कर किसी दूसरे के गुणों को ही देखते हैं तो आपके साथ दुनिया नम्रता तथा प्रेम का व्यवहार करेगी।

(ग) अगर आप हमेशा लोगों के ऐवों की ओर देखते हैं उन्हें अपना

शत्रु समझते हैं और उनकी ओर मौका करते है तो फिर वे क्यों न आपकी ओर गुस्से से दौड़ेगें।

Answered by diksha20noe
1

Answer:

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