online library in hindi essay
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ऑनलाइन लाइब्रेरी पर निबंध । Essay On Online E Library In Hindi
Essay On Online Library In Hindi
हमारा विश्व तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रहा है घर बैठे ऑनलाइन खरीददारी, शिक्षा परामर्श आदि तेजी से लोकप्रिय हुए है। इंटरनेट की इस देन का सर्वाधिक लाभ शिक्षा को मिला हैं। जिससे आज हमने पारम्परिक शिक्षा के साथ साथ ई शिक्षा की तरफ कदम बढ़ाए हैं।
अब ऑनलाइन पुस्तकालय की अवधारणा को पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया जाने लगा हैं। पूर्व में समाचार पत्र पत्रिकाओं तथा पुस्तको का एकमात्र स्रोत शहर या कस्बे में स्थित पुस्तकालय ही माने जाते थे। शिक्षा के केंद्र के रूप में यहाँ पुस्तकों को संचित करके रखा जाता था। तथा पाठक को वहां जाकर अध्ययन करना पड़ता था।
पुस्तकालय की नियमावली के अनुसार निर्धारित समयावधि में जाकर ही पुस्तके पढ़ी जा सकती थी। मगर अब बदलते वक्त में ई लाइब्रेरी आज हम सभी के स्मार्ट फोन के रूप में द्वार तक आ पहुंची है। जिस गति से अन्य साधन सुविधाओं को हम ऑनलाइन प्राप्त कर रहे है उसी अनुरूप लाइब्रेरी ने भी अपने नवीन स्वरूप का वरण किया है जो समय की मांग के साथ तेजी से विकास को प्राप्त कर पाया हैं।
ऑनलाइन लाइब्रेरी के दौर में पढ़ने के लिए कही जाने अथवा किसी भवन में घण्टो तक कैद होकर बैठने की आवश्यकता नहीं रह गई हैं। अपने स्मार्ट फोन की मदद से कहि चलते फिरते यात्रा करते खाते पीते निशुल्क और सशुल्क पुस्तकों को न केवल पढ़ सकते है बल्कि इच्छीत समय के लिए सहेज कर भी रख सकते हैं।
नित्य हम इंटरनेट पर कई पीडीएफ फाइल्स को ब्राउज करते है ये ऑनलाइन पुस्तकालय की मूल सामग्री ही है। जहाँ हम अपनी पसंद व आवश्यकता के अनुसार पुस्तक को पीडीएफ या ई बुक के रूप में सुरक्षित रख सकते हैं। तथा अपने खाली समय मे पढ़कर समय का सदुपयोग भी कर सकते हैं।
ऑनलाइन पुस्तकालय /लाइब्रेरी के लिए हमारे फोन में एक अलग तरह के सॉफ्टवेयर की जरूरत पड़ती है जो मोबाइल एप्पलीकेशन के रूप में निशुल्क मिल जाती हैं। अमेजन कम्पनी की ई लाइब्रेरी टूल किंडल इसका सर्वश्रेष्ठ उदाहरण हैं।
आज इंटरनेट पर सैकड़ो ऐसी विश्वसनीय साइट्स है जहां से लगभग सभी मुद्रित पुस्तकों को डाऊनलोड करके पढ़ा जा सकता हैं। साथ ही यदि आप कुछ लिखने के शौकीन है तो भी अपनी पुस्तक को टाइप कर अथवा स्कैन करके ऑनलाइन लाइब्रेरी या पुस्तकालय में जोड़ सकते हैं।
ऑनलाइन लाइब्रेरी के इतिहास की बात की जाए तो महज कुछ ही वर्षो पूर्व में शुरू हुए इस कंसेप्ट ने आज इंटरनेट पर धूम मचा रखी हैं। अब पारम्परिक पुस्तकालयों से अधिक पाठक ई लाइब्रेरी विजिट करते हैं। धर्म शास्त्र, दर्शन, राजनीति, खेल, चिकित्सा लगभग प्रत्येक क्षेत्र और विश्व मे बोली जाने वाली अधिकतर भाषाओं की ई पुस्तक यहाँ सरलता से उपलब्ध हो जाया करती हैं।
पुस्तकालय के इस नवीन व आधुनिक स्वरूप की अत्यधिक लोकप्रियता के कई कारण हैं। पहला इसकी सरलता और सुगमता हैं। अब लोगों के पास घण्टों तक एक स्थान पर बैठकर पढ़ने का समय नहीं रहा हैं। ऐसे में ई पुस्तकालय कम शुल्क में समय की बचत के साथ न केवल पुस्तक उपलब्ध करवाता है बल्कि इसे अपने फोन में सेव करके रखने की सुविधा भी देता हैं।
Explanation:
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According to the mode of services rendered to the readers; libraries are broadly divided into four types:
Academic Library,
Special Library,
Public Library, and.
National Library.An electronic library has, not only text data but also sound, graphics, and motion video, in the form of digital data. ... The Electronic Library System provides the latest functions as well as allowing books to be displayed on screen as if they were printed books. The system makes advances in retrieving books and papers.An online library catalog is an electronic bibliographic database that describes the books, videotapes, periodicals, etc. carried by a particular library. The online library catalog evolved from a printed source, the library card catalog. ... So for each item in the library there was: a card for the author