Psychology, asked by alkumar2905, 1 month ago


Or, समाजशास्त्र में प्रयुक्त मानवीय परिप्रेक्ष्य क्या है? इसकी प्रमुख
विशेषताओं का वर्णन करें। इसके विभिन्न उपागमो की विवेचना करें।
Or, समाजशास्त्रीय अध्ययन के मानविकी दृष्टिकोण को स्पष्ट करे।​

Answers

Answered by umang5884
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Answer:

समाजशास्त्र मानव समाज का अध्ययन है। यह सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है, जो मानवीय सामाजिक संरचना और गतिविधियों से सम्बन्धित जानकारी को परिष्कृत करने और उनका विकास करने के लिए, अनुभवजन्य विवेचन[1][2] और विवेचनात्मक विश्लेषण[3] की विभिन्न पद्धतियों का उपयोग करता है, अक्सर जिसका ध्येय सामाजिक कल्याण के अनुसरण में ऐसे ज्ञान को लागू करना होता है। समाजशास्त्र की विषयवस्तु के विस्तार, आमने-सामने होने वाले सम्पर्क के सूक्ष्म स्तर से लेकर व्यापक तौर पर समाज के बृहद स्तर तक है।

समाजशास्त्र, पद्धति और विषय वस्तु, दोनों के मामले में एक विस्तृत विषय है। परम्परागत रूप से इसकी केन्द्रियता सामाजिक स्तर-विन्यास (या "वर्ग"), सामाजिक संबंध, सामाजिक संपर्क, धर्म, संस्कृति और विचलन पर रही है, तथा इसके दृष्टिकोण में गुणात्मक और मात्रात्मक शोध तकनीक, दोनों का समावेश है। चूँकि अधिकांशतः मनुष्य जो कुछ भी करता है वह सामाजिक संरचना या सामाजिक गतिविधि की श्रेणी के अर्न्तगत सटीक बैठता है, समाजशास्त्र ने अपना ध्यान धीरे-धीरे अन्य विषयों जैसे- चिकित्सा, सैन्य और दंड संगठन, जन-संपर्क और यहाँ तक कि वैज्ञानिक ज्ञान के निर्माण में सामाजिक गतिविधियों की भूमिका पर केन्द्रित किया है। सामाजिक वैज्ञानिक पद्धतियों की सीमा का भी व्यापक रूप से विस्तार हुआ है। 20वीं शताब्दी के मध्य के भाषाई और सांस्कृतिक परिवर्तनों ने तेज़ी से सामाज के अध्ययन में भाष्य विषयक और व्याख्यात्मक दृष्टिकोण को उत्पन्न किया। इसके विपरीत, हाल के दशकों ने नये गणितीय रूप से कठोर पद्धतियों का उदय देखा है, जैसे सामाजिक नेटवर्क विश्लेषण।

Explanation:

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Answered by shishir303
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समाजशास्त्र में प्रयुक्त मानवीय परिप्रेक्ष्य क्या है? इसकी प्रमुख विशेषताओं का वर्णन करें। इसके विभिन्न उपागमो की विवेचना करें।

समाजशास्त्र में मुख्य माननीय परिप्रेक्ष्य से तात्पर्य उस दृष्टिकोण से है, जो मानव व्यवहार और समाज के बीच संबंधों पर केंद्रित होता है। मानवीय परिप्रेक्ष्य इस विचार पर आधारित होता है कि मानव का व्यवहार समाज से ही निर्मित होता है। मानव व्यवहार समाज प्रभावित करता है।

मानवीय परिप्रेक्ष्य दृष्टिकोण की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं।

  • मानवीय परिप्रेक्ष्य दृष्टिकोण की मुख्य विशेषता यह है कि यह इस विचार पर आधारित होता है कि मानव का व्यवहार समाज से निर्धारित होता है।
  • समाज मानव के व्यवहार को प्रभावित करता है। मानवीय परिप्रेक्ष्य को इस विचार पर भी आधारित है कि मानव का व्यवहार को समझने के लिए एक बड़े सामाजिक संदर्भ की आवश्यकता पड़ती है।
  • माननीय परिपेक्ष दृष्टिकोण में मानव का व्यवहार एक जटिल प्रक्रिया माना जाता है।  
  • किसी भी मानवीय व्यवहार को प्रभावित करने के अलग-अलग कारक होते हैं।
  • मानवीय परिप्रेक्ष्य दृष्टिकोण के अनुसार मानव के व्यवहार को बदलने के लिए समाज को बदलना पड़ता है।
  • समाज के बदलने के अनुसार मानव का व्यवहार बदलता जाता है।

मानवीय परिप्रेक्ष्य दृष्टिकोण समाजशास्त्र के अंतर्गत एक महत्वपूर्ण अध्ययन है। इसके माध्यम से मानव के व्यवहार को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलती है।

#SPJ3

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समाजशास्त्र एक विज्ञान है इसके पक्ष में तर्क दीजिए

https://brainly.in/question/38686311

नौकरशाही की आधुनिक समाजशास्त्रीय अध्ययन के प्रणेता थे?

(A) थॉमस क्लार्क

(B) मैक्स वेबर

(C) एफ रिंग्स

(D) ग्लेडेन

https://brainly.in/question/34579171

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