Hindi, asked by mkadvocate5502, 4 months ago

আot.(অলিরির যাত্রা ক্ষৗ আনসূক থক নীঘ বিং সৎ সহনী ক ভলং ধীজিয়।
(6X1-8)
मनुष्य अपने संकल्पों का बना हुआ है। जैसा वह संकल्प करता है, वैसा ही यह होता है। एकलव्य
न संकल्प किया अद्वितीय धनुर्धर बनने का। उसने कहा-यदी मेरी जिज्ञासा सच्ची होगी तो मुझे
कोई भी रोक नहीं पायेगा। इतना ही नहीं, द्रोणाचार्य ही मेरे गुरू होगें और हुआ वही। स्वयंगुरू
द्रोणावार्य को उसकी कुटिया तक आना पड़ा, उसकी धनुर्विद्या हेतु सर्वोत्कृष्टता का प्रमाण-देने के
लिए। दृढसंकल्प वाले किस प्रकार कार्य करते है यह प्रहलाद के जीवन से जाना जा सकता है। ध्रुव
बालक सही, पर वह आदियुग की निष्ठा और विश्वास का प्रतीक था। उसने अपने संकल्प के बल
पर अविचल पद प्राप्त कर लिया। भक्तिमती शबरी भी संकल्प निष्ठा का अप्रतिम उदाहरण है।
मनुष्य अपने भावी जीवन में कैसा बन जाता है-
जैसा वह चाहता है
जैसा उसक माता-पिता है
जैसा वह संकल्प करता है जैसा उसे दूसरे कहते है
(ख) अपने किन गुणों के कारण एकलव्य धनुर्धर बन गया?
(अ) अच्छी साच के कारण
संकल्प के कारण
(स) लोभ के कारण
विश्वास के कारण
(ग) द्रोणाचार्य ने एकलव्य की धनुर्विद्या को किस कोटि का बताया?
(अ) सर्वोत्कृष्ट दूसरों के जैसा
निकृष्ट (द) साधारण
(घ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक हो सकता है-
(अ) गुरू द्रोणाचार्य (ब) एकलव्य (स) भक्तिमती शबरी (द) संकल्प की शक्ति
भक्तिमती शबरी भी संकल्पनिष्ठा का अप्रतिम उदाहरण है-वाक्य में 'अप्रतिम शब्द किस
प्रकार का शब्द है?
(अ) गुणवाचक विशेषण
संख्यावाचक विशेषण
परिमाणवाचक विशेषण (द) संकतवाचक विशेषण​

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Answered by mk20633
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Explanation:

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