Psychology, asked by PragyaTbia, 1 year ago

औपचारिक एवं अनौपचारिक समूह तथा अंत: एवं बाह्म समूहों की तुलना कीजिए अंतर बताइए एवं अंतर बताइए I

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Answered by TbiaSupreme
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"औपचारिक एवं अनौपचारिक समूह अपनी संरचना के आधार पर  भिन्न होते हैं।

औपचारिक समूह वे होते हैं जिनका निर्माण एक निश्चित नियम और विधि के तहत किया जाता है। इसकी एक आचार संहिता होती है। इस के सदस्यों का कार्य निश्चित होता है और उनके द्वारा निष्पादित की जाने वाली भूमिकायें स्पष्ट रुप से घोषित होती हैं। औपचारिक समूह में मानकों का.एक समुच्चय होता है जो एक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्थापित बनाया जाता है। औपचारिक समूह स्थाई होता है और आकार में बड़ा होता है। औपचारिक समूह का मुख्य ध्येय समूह द्वारा निर्धारित कार्यों को आगे बढ़ाना है।  सरकारी संगठन, बैंक, विश्विद्यालय आदि औपचारिक समूह के उदाहरण हैं।

अनौपचारिक समूह वे होते हैं जिनका निर्माण किसी विशेष नियम या विधि के तहत नही किया जाता। इसकी कोई स्पष्ट आचार संहिता नही होती। अनौपचारिक समूह के प्रत्येक सदस्य अपेक्षित योगदान की अपेक्षा की जाती है। अनौपचारिक समूह अस्थायी होते हैं और आकार में छोटे होते हैं। इनका मुख्य ध्येय समूह के सदस्यों के हितों की रक्षा करना और उन्हें सामाजिक संतुष्टि उपलब्ध कराना है। किसी कंपनी के कर्मचारियों की युनियन, सामाजिक संस्थायें, परिवार आदि अनौपचारिक समूह के उदाहरण है।

कोई व्यक्ति किसी समूह में होता है तो वह समूह उसका अंतः समूह हो गया और किसी अन्य समूह से अपने समूह की तुलना करता है। जिस समूह में वो नहीं है, ये समूह उसके लिये बाह्य समूह हो गया। अंतः समूह के लिए वह ‘हम’ का उद्बोधन प्रयुक्त करता है और बाह्यसमूह के लिए वो ‘वे’ उद्बोधन का प्रयोग करता है  ।और ‘हम’ एवं ‘वे’ का भाव ही अंतः समूह और बाह्य समूह में अंतर स्पष्ट करता है। अंतः समूह के सदस्यों में समानता पाई जाती है क्योंकि उनकी विचारधारा एक सी होती है इस कारण वह एक-दूसरे को अनुकूल दृष्टि से देखते हैं जबकि बाह्य समूह की विचारधारा और कार्यशैली उनसे भिन्न होती है इस कारण वे दूसरे समूह को प्रतिकूल दृष्टि से देखते हैं। इसमें अधिकतर नकारात्मक भाव ही होता है।

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Answered by roshniverma0819
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anopcharik szmuh ki avadhans

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