औपचारिक और अनौपचारिक पत्रों के तीन-तीन प्रारूप इकट्ठे करके उनका एक चार्ट तैयार कीजिए।
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औपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता हैं जिनसे हमारा कोई निजी वास्ता नहीं होता । इस प्रकार के पत्रों का प्रयोग कार्यालयों व सरकारी काम - काजों में होता हैं ।
शिकायत पत्र और निवेदन औपचारिक पत्र का उदाहरण हैं ।
1.बस में छुटे सामान के बारे में परिवहन अधिकारी को सूचना पत्र
सेवा में ,
प्रबंधक महोदय,
हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम,
शिमला 171001.
विषय: बस में छुटे सामान के बारे में
महोदय,
मेरा नाम मीना शर्मा है| मैं 2-03-2019 को शिमला से सोलन जाने वाली बस से सोलन गई थी| बस का नंबर H.P 37 F 16290. यह शिमला से 11 बज़े चलती है और 1 बज़े सोलन पहुंचती है |
उस दिन जल्दी में मेरा बैग रह गया उसमें मेरे जरूरी कागज़ थे जो उस बैग में है | यह जरूरी कागज़ मुझें आगे बहुत काम आने है इनका मिलना बहुत जरूरी है | आपसे निवेदन है की आप मेरे सामान का पता लगायें| यह मेरा नंबर 232323232 है | सामान मिलने पे मुझे इस नंबर पे बताये आपकी महान कृपा होगी|
सधन्यबाद .
भवदीय,
मीना शर्मा
सी.पी.आर.आई
शिमला.
2. दुर्घटनाग्रस्त होने पर अवकाश माँगते हुए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थना पत्र लिखिए |
सेवा में ,
प्रधानाचार्य महोदय ,
D.A.V पब्लिक स्कूल,
डाक बंगला रोड, जयपुर ।
विषय: दुर्घटनाग्रस्त होने पर अवकाश माँगते हुए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थना पत्र
महोदय,
सविनय निवेदन यह है की में आपके स्कूल में दसवीं ‘ ए ‘कक्षा की छात्रा हूँ. कल स्कूल से घर जाते समय एक गाड़ी वाले ने मुझे टक्कर मार दी और मेरे टांग टूट गई और डॉक्टर ने 25 दिन का प्लास्टर लगा दिया है. डॉक्टर ने विश्राम की सलाह दी है, इसी कारण में स्कूल नहीं आ पाऊँगी अत : आपसे मेरा निवेदन है कि दिनांक 25 दिन अवकाश स्वीकृत किया जाए. उसके लिए मैं आपकी आभारी रहूंगी ।
आपकी आज्ञाकारिणी शिष्या
आरती
कक्षा – दसंवी ‘ ए ‘
दिनांक- 08-03-2019
3. रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति हेतु प्रार्थना पत्र।
सेवा मे
उपायुक्त
जिला हमीरपुर
हिमाचल प्रदेश
विषय: रक्तदान शिविर लगाने की अनुमति हेतु प्रार्थना पत्र।
अदरणीय महोदय जी,
विनम्र निवेदन है कि हम हमीरपुर जिला के वार्ड न. 5 में एक रक्तदान शिविर लगाना चाहते हैं। जगह कि कमी कि वजह से इस का आयोजन कहीं नहीं हो पा रहा है। अत: आप से विनम्र निवेदन है कि इस के आयोजन कि आपके परिसर में खाली स्थान में करने कि अनुमति प्रदान करें।
धन्यवाद सहित।
भवदीय
विनय कुमार
अध्यक्ष
समाज कल्याण सभा
हमीरपुर.
अनौपचारिक पत्र उन लोगों को लिखा जाता हैं जिनसे हमारा कोई निजी वास्ता होता है। यह पत्र हम अपने दोस्तों , रिश्तेदारों को लिखते है |
1.अपने मित्र को पत्र लिखकर महानगरी दिल्ली की जिवन शैली के विषय में बताइए।
विकास नगर,
शिमला|
दिनांक 19 जून , 2019
प्रिय मित्र अरुण ,
अरुण आशा करता तुम ठीक होगे । मैं इस पत्र के माध्यम से तुम्हें यह बताना चाहता हूँ , महा नगरी दिल्ली की जीवन शैली के बारे बताना चाहता हूँ | दिल्ली में जीवन बहुत अलग है | किसी के पास समय नहीं होता बात करने का सब अपने -अपने जीवन में व्यस्त है | यहाँ की ज़िन्दगी बहुत फ़ास्ट है , सब भाग-दोड़ में लगे है | यहाँ पर किसी के पास किसी के लिए कोई समय नहीं है | यहाँ पर बहुत प्रदूषण है बहार निकलना तो बहुत मुश्किल है | यहाँ पर बहुत गर्मी है , पूरा दिन निकालना बहुत मुश्किल है | बाकी मिल कर बताऊंगा |
तुम्हारा दोस्त ,
रोनित
1318, विकास नगर,
शिमला|
दिनांक 19 जून , 2019
2. अपने चाचा को नौकरी मिल बधाई पत्र |
नमस्ते चाचा जी ,
मैं यहाँ छात्रावास में बिलकुल ठीक हूँ | आशा करता हूँ आप सब भी ठीक होंगे | सबसे पहले चाचा जी मैं आपको सरकारी नौकरी मिलने की खुशी में बहुत सारी बधाई देना चाहता हूँ | मैं जानता हूँ बैंक में नौकरी के लिए आपने बहुत मेहनत की थी | आपकी मेहनत का फल आपको मिल गया जो आप चाहते थे , वही नौकरी मिल गई | मुझे कल ही पिता जी का फ़ोन आया उन्होंने मुझे बताया यह जान कर मुझे बहुत ख़ुशी हुई | आपने परिवार में नाम रोशन कर दिया | एक बार मेरी तरफ़ से बहुत बहुत बधाई | छुट्टियों में मिलते है | सब का ध्यान रखना |
आपका भतीजा ,
सुमित |
3 . मित्र के पिताजी का निधन संवेदना पत्र
विकास नगर शिमला
हिमाचल प्रदेश
दिनांक 2 मार्च, 2019
प्रिय राहुल,
राहुल आशा करता हूँ तुम ठीक होगे । आज मुझे तुम्हारे पिताजी के दुर्घटना में मृत्यु का समाचार मिला। यह समाचार सुनकर मेरे दिल को बहुत पीड़ा पहुंची। मुझे तो अब भी इस समाचार पर अब भी विश्वास नहीं हो रहा है।
एक दम कैसे हो गया | भगवान की मर्जी के आगे किसी की नहीं चलती। मैं इस बात को अच्छी तरह जानता हूं कि तुम्हें भी यह बात मानना बहुत मुश्किल है , किंतु अब तुम्हें धैर्य और हिम्मत से काम लेना होगा , घर पर सब को देखना है | तुम्हें हिम्मत रखकर आगे बढ़ना होगा और अपने पिता जी का सपना पूरा करना है |
मैं भगवान से यह प्रार्थना करता हूं कि भी तुम्हारे पिता की आत्मा को शांति दे और परिवार के हर सदस्य को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति दे। स्वयं को अकेले न समझना कोई भी मदद की जरूरत हो बताना मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ |
तुम्हारा मित्र ,
दिपक कुमार |
aupcharik aur anopcharik Patra in short in Hindi