औपनिवेशिक काल में भारत की जनांकिकीय स्थिति का एक संख्यात्मक चित्रण प्रस्तुत करें।
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Answer with Explanation:
औपनिवेशिक काल में भारत की जनांकिकीय स्थिति का एक संख्यात्मक चित्रण निम्न प्रकार से है :
1921 से पहले, भारत जनसांख्यिकीय संक्रमण के पहले चरण में था। 1921 के बाद संक्रमण का दूसरा चरण शुरू हुआ। हालाँकि, न तो भारत की कुल जनसंख्या और न ही इस स्तर पर जनसंख्या वृद्धि की दर बहुत अधिक थी।
समग्र साक्षरता स्तर 16 प्रतिशत से कम थी। इसमें से, महिला साक्षरता का स्तर लगभग सात प्रतिशत के नगण्य स्तर पर था। सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाएं या तो आबादी के बड़े हिस्से के लिए अनुपलब्ध थीं या जब उपलब्ध थीं, तो अत्यधिक अपर्याप्त थीं। नतीजतन, पानी और वायु जनित रोग बड़े पैमाने पर फैल गए और जीवन पर भारी असर पड़ा। शिशु मृत्यु दर 218 प्रति हजार थी। जीवन प्रत्याशा स्तर भी बहुत कम 44 वर्ष थी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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