औपनिवेशिक काल में भारतीय संपत्ति के निष्कासन से आप क्या समझते हैं?
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Answer with Explanation:
औपनिवेशिक काल में भारतीय संपत्ति के निष्कासन से आशय :
औपनिवेशिक शासन काल में इंग्लैंड ने भारत के विदेशी व्यापार पर अपना एकाधिकार बनाए रखा। भारत का आधा से अधिक व्यापार तो ब्रिटेन तक ही सीमित रहा । औपनिवेशिक शासन के अंतर्गत भारतीय व्यापार के सबसे बड़ी विशेषता निर्यात अधिशेष थी। किंतु ,इस अधिशेष कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भारी लागत चुकानी पड़ी। देश के घरेलू बाजारों में आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्यान्न ,कपड़े, मिट्टी के तेल आदि का अभाव हो गया । इसके अलावा, इस निर्यात अधिशेष के परिणामस्वरूप भारत में सोने या चांदी का कोई प्रवाह नहीं हुआ। वास्तव में , इसका प्रयोग तो अंग्रेजों की भारत पर शासन करने के लिए स्थापित एक कार्यालय द्वारा किए गए खर्चों के भुगतान करने के लिए किया गया था। अंग्रेजी सरकार के मुद्दों पर व्यय , प्रशासन व्यय, अप्रक्य मदों के आयात पर व्यय आदि के द्वारा भारतीय संपत्ति का निष्कासन हुआ।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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