History, asked by shivanipb2001, 3 months ago

औपनिवेशिक शासन के आर्थिक प्रभाव के बारे में एक टिप्पणी लिखिए।​

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Answered by shekharnaivedyam
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Answer:

औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था से तात्पर्य है कि किसी दूसरे देश की अर्थव्यवस्था का उपयोग अपने हित के लिए प्रयोग करना। भारत में औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था की शुरुआत 1757 ई0 में प्लासी युद्ध से हुई, जो विभिन्न चरणों में अपने बदलते स्वरूप के साथ स्वतंत्रता प्राप्ति तक चलती रही।

भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के बारे में सर्वप्रथम दादा भाई नौरोजी ने अपनी पुस्तक ’द पावर्टी एण्ड अन ब्रिटिश रूल इन इण्डिया’ में उल्लेख किया। इनके अलावा रजनी पाम दत्त, कार्ल माक्र्स, रमेश चन्द्र दत्त, वी.के.आर.वी राव आदि ने भी ब्रिटिश औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था के बारे में अपने विचार प्रगट किये हैं।

रजनी पाम दत्त ने अपनी पुस्तक ’इण्डिया टुडे’ में ब्रिटिश औपनिवेशिक अर्थव्यवस्था को तीन चरणों में विभाजित किया है-

वाणिज्यिक चरण -1757-1813

औद्योगिक मुक्त व्यापार- 1813-1858

वित्तीय पूंजीवाद -1858 के बाद

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