Hindi, asked by JAATBOY, 1 year ago

Our mind is not a vessel that is to be filled,it is a fire to be kindled essay in Hindi

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Answered by sheetal2015
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मन एक खाली बर्तन नहीं जिसे भरा जाना है, बल्कि एक ज्वाला है जिसे प्रज्वलित किया जाना है। इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य का मन खाली बर्तन के समान निशक्त ,असक्षम और शून्य नहीं है अपितु मन तो अग्नि के जैसा उर्जावान ,शक्तिशाली ,सक्षम और सक्रिय होता है।मन ऊर्जा और शक्ति का असीमित सागर है। मन विचारो का जनक होता है । बड़े से बड़ा कार्य एक अच्छे विचार से ही आरम्भ होता है।प्रेरणादायक सुविचारों से मनुष्य किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकता है। हताश होकर , भाग्य को दोष देकर , प्रयास न करने से , कभी सफलता पाई नही जा सकती। सफल होने के लिए मन की ज्वाला को प्रज्वलित करना होता है। मन में ऊर्जा और स्फूर्ति भर कर ही आगे जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। अंदर के डर को निकालकर मन में आत्मविश्वास जगाना होगा तभी समाज सुमार्ग पर चलकर विकसित होगा। मन से कुविचार को त्याग कर और सदाचार अपना कर ही सामाजिक कुरीतियों को दूर किया जा सकता है। स्वार्थ की भावना से ऊपर उठकर ,परोपकार को महत्त्व देना ही ,महापुरुष बनना है। अपने गुरुजन माता पिता आदि से ज्ञान प्राप्त कर मन की ज्वाला प्रज्वलित की जा सकती है।मन में अच्छे विचारो की ज्वाला पैदा कर ,दुनिया को उसके प्रकाश से रोशन करना ही सच्चा मानव धर्म है। इसलिए कहा जाता है कि मन एक खाली बर्तन नहीं जिसे भरा जाना है, बल्कि एक जवाला है जिसे प्रज्वलित किया जाना है।
ज्ञान रूपी चिंगारी से इस ज्वाला को प्रज्वलित किया जा सकता है।

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