Hindi, asked by vaishnavicutecool, 4 months ago

और जिया। उसकी अभिव्यक्ति उनके कथा साहित्य में मिलती है। किसानो
का शोषण, समाज में स्त्री की दुर्दशा और स्वाधीनता आंदोलन आदि उ
प्रेमचंद के कथा साहित्य का संसार बहुत व्यापक है। उसमें मन
आत्मीयता मिली है। बड़ी से बड़ी बात को सरल भाषा में सीधे और सं
विशेषता है। उनकी भाषा सरल, सजीव व मुहावरेदार है तथा उन्होंने अ
का प्रयोग कुशलतापूर्वक किया है।
प्रस्तावना प्रसंग
आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना।
वो बाग़ की बहारें, वो सब का चहचहाना।
क्या बदनसीब हूँ मैं घर को तरस रहा हूँ
साथी तो हैं वतन में, मैं कैद में पड़ा हूँ।
प्रश्न​

Answers

Answered by babe9926
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Answer:

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Answered by gayathrisp667
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Explanation:

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