और कैसे दुखद? कामचोर
2. भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है
कहानी के आधार पर निर्णय कीजिए।
Answers
Answer:
घर का प्रत्येक सदस्य बिना बोझ समझे मन लगाकर काम करे। काम को पूरी तरह निष्ठा तथा ईमानदारी से करे। यदि किसी सदस्य का काम अन्य सदस्यों से अधिक है तो उसकी तुलना कम काम करनेवाले व्यक्ति से बिल्कुल भी न करें। इसके अलावा ‘कामचोर’ कहानी के आधार पर यह भी कह सकते हैं कि बच्चों में शुरू से ही काम करने की आदत पैदा करनी चाहिए अन्यथा उन पर अचानक जिम्मेदारी डालने से वे काम को सही तरीके से नहीं करेंगे। उनको शुरू से ही अपने साथ काम पर लगाकर घर को सुखद बनाया जा सकता है।
भरा-पूरा परिवार दुखद तब बन सकता है जब:
घर के सदस्य कार्य करने में आना-कानी करें। वे काम से जी चुराएँ। प्रलोभन आदि के बल पर काम कराना भी चाहें तो वे काम को गलत ढंग से करने का प्रयास करते हुए काम को और खराब कर दें। अपना काम भी न करते हुए काम के लिए नौकरों प्र निर्भर रहने से घर दुखद बन जाता है।
Answer:
भरा-पूरा परिवार तब सुखद बन सकता है जब सब मिल-जुलकर कार्य करें व दुखद तब बनता है जब सब स्वार्थ भावना से कार्य करें। कामों के क्षमतानुसार विभाजित करने से कहानी जैसी दुखद स्थिति से बचा जा सकता है। कार्यों को बाँटने से किसी दूसरे को काम करने के लिए कहने की जरुरत होगी और तनाव भी उत्पन्न नहीं होगा।