और पैरों के तले है एक पोखर,
उठ रहीं इसमें लहरियाँ
नील तल में जो उगी है घास भूरी
ले रही वह भी लहरियाँ ।
एक चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा
आँख को है चकमकाता।
हैं कई पत्थर किनारे
पी रहे चुपचाप पानी,
प्यास जाने कब बुझेगी।
Answers
Answered by
1
Answer:
Bhai ma bhi anser dundh raha hu
Answered by
0
Answer:
kis sample paper ka h pata chala
Similar questions
Social Sciences,
5 months ago
Math,
5 months ago
English,
5 months ago
Environmental Sciences,
10 months ago
History,
10 months ago
Math,
1 year ago