'औरे रस औरे रीति,औरे राग,औरे रंग,औरे तन,औरे मन,औरे बन ह्वै गए'. इस काव्य-पंक्ति में 'औरे' पद की बार-बार आवृत्ति क्यों हुई है?
Answers
Answered by
0
Answer:
Send full chapter so that I help you surely
Similar questions