Hindi, asked by iqbalgahla4690, 1 year ago

औद्योगिक विकास का पर्यावरण पर प्रभाव (निबंध)

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Answered by rishirajnadan
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औद्योगिक विकास का पर्यावरण पर प्रभाव (निबंध) !

मनुष्य इस सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना है । खाना, बैठना, रहना आदि प्रक्रियाएँ तो सभी जीव करते हैं परंतु मनुष्य में चिंतन क्षमता आ जाने से वह विशिष्ट हो गया है । अपनी बुद्धि और विचारशीलता से वह अपनी समस्त कामनाओं को साकार रूप दे सकता है ।

मनुष्य की इसी सोच व विचारधारा ने उसे पंख प्रदान कर दिए हैं । वह निरंतर नवीन अनुसंधान व आविष्कार करता रहा है । सफलताओं ने उसके साहस व उत्साह को चौगुना कर दिया है । आज वैज्ञानिक प्रगति के कारण औद्‌योगीकरण की प्रक्रिया इतनी तीव्र हो गई है कि उसे वातावरणीय सामंजस्य वनाए रखने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है ।

Answered by coolthakursaini36
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                 "औद्योगिक विकास का पर्यावरण पर प्रभाव"

भूमिका-> पर्यावरण का साधारण अर्थ उन प्राकृतिक पदार्थों से है, जिनसे हमारा जीवन घिरा है और जो मानव जीवन के अत्यधिक जरूरी हैं I या पर्यावरण अर्थात हमारे चारों और का वातावरण आधुनिकता के इस दौर में मानव ने इतना विकास किया जिसका प्रतिकूल प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ा है I जिस कारण धरती का संतुलन बिगड़ गया है और प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं।

औद्योगीकरण का पर्यावरण पर प्रभाव-> पर्यावरण को प्रदूषित करने और संतुलन बिगड़ने में जिन तत्वों का योगदान रहा है, उनमें विज्ञानिक प्रगति के साथ आने वाला औद्योगीकरण ही सर्वाधिक कहा जा सकता है I औद्योगीकरण की तीव्र गति के कारण हमारा वायुमंडल तीव्र गति से प्रदूषित हो रहा है I वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा 16% से बढ़ गई है तथा निरंतर बढ़ोतरी हो रही है I एक समय ऐसा आएगा जब सांस लेने के लिए शुद्ध ऑक्सीजन ही न मिले I

परमाणुओं विघट्टन से वायुमंडल में रेडियोधर्मी किरने फैल रही है, जो कैंसर के रोग को फैला सकती हैं I तथा कारखानों से निकला कचरा, अमल युक्त पानी नदी में बहा दिया जाता है, जिस कारण नदियों का जल प्रदूषित हो रहा है। जिनसे बहुत से जलीय जीव मर रहे हैं जंगली जीव भी इन नदियों का पानी पीकर रोग ग्रस्त हो हो रहे हैं। नदियों का पानी समुद्र में मिल रहा है, जहां अनेक रासायनिक यौगिक समुद्र में तैयार हो रहे हैं I यह विषय यौगिक मछलियों के आहार के रूप में मानव शरीर में आ रहे हैं I  

प्रतिवर्ष 12000 से भी अधिक रसायनों का उत्पादन पर्यावरण को जहरीला बना रहा है I जिसके कारण रेगिस्तान बढ़ रहे हैं, पेयजल के स्त्रोत प्रतिवर्ष सूख रहे हैं I औद्योगीकरण की वजह से प्रदूषण ज्यादा फैल रहा है इसके लिए हमें उद्योगिक उत्पादन की नई विधियां विकसित करनी होंगी जो प्रदूषण कम से कम करें।

उपसंहार-> पर्यावरण के प्रदूषण से आज पूरा विश्व चिंतित है इसके लिए पर्यावरण समिति का गठन भी हुआ है I यह एक चिंतनीय विषय है, इस पर सबको सोचना होगा और उचित कदम उठाने होंगे।


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