Hindi, asked by nooraqsa970, 4 months ago

ओज़ोन की छतरी को ख़राबी से बचाने के लिए हमें कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?
पाँच वाक्य लिखिए।​

Answers

Answered by Pakiki
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ओजोन परत का पतला होना, वैश्विक चिंता का विषय है। ओजोन परत पृथ्वी का सुरक्षा कवच है, जो उसे सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा वायलेट (पराबैंगनी) किरणों से बचाती है। रांची की बात करें को यहां का यूवी इंडेक्स सामान्य के अधिक है। पर्यावरणविदों के मुताबिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण रांची अल्ट्रा वायलेट किरणों के सेंसेटिव जोन (संवेदनशील क्षेत्र) में है। यहां का यूवी इंडेक्स 11 से अधिक है। इससे न सिर्फ त्वचा के झुलसने के मामले बढ़े हैं, बल्कि स्किन कैंसर व आंखों के संक्रमण की समस्याएं भी बढ़ी हैं। एसी, रेफ्रिजरेटर और विभिन्न प्रकार के स्प्रे के बढ़ते प्रचलन ने यहां के वातावरण में सीएफसी (क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन) की मात्रा बढ़ा दी है। सीएफसी ओजोन पतर के लिए सबसे अधिक खतरनाक है। वातावरण में बढ़ता सीएफसी कभी रांची की जलवायु ऐसी थी कि एसी, कूलर की जरूरत नहीं पड़ती थी। अब रांची का भी तापमान 40 डिग्री पार कर जाता है। नतीजतन एसी, फ्रिज का इस्तेमाल बढ़ गया है। किसी भी प्रकार के कूलेंट के अलावा वाल पेंट, वार्निश, डियोडरेंट, स्प्रे परफ्यूम, शेविंग क्रीम (झाग वाले) में सीएफसी का इस्तेमाल होता है। सीएफसी ओजोन लेयर को तोड़ता है। जिसके कारण सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणें अधिक मात्रा में धरती पर पड़ती हैं। निर्माण कार्य बढ़ने के साथ सीएफसी की अधिकता बढ़ी है। जिसका सीधा असर जलवायु पर पड़ रहा है।

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