P-n-P ट्रांजिस्टर में विद्युत चालन
विधि समसाइये।
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इस ट्रांजिस्टर का कनेक्शन निम्न प्रकार किया जाता है –
इस ट्रांजिस्टर में उत्सर्जक को आधार के सापेक्ष धनात्मक विभव पर रखा जाता है तथा संग्राहक को आधार के सापेक्ष ऋणात्मक विभव पर रखा जाता है। अर्थात जो बायीं तरफ pn संधि बनी होती है वह अग्र अभिनति पर जुडी रहती है तथा दाई तरफ बनी pn संधि को पश्च अभिनती पर रखा जाता है।
लगभग 5% कोटर जो उत्सर्जक में उपस्थित है वे आधार में जाकर उदासीन हो जाते है तथा बाकी बचे 95% कोटर जो उत्सर्जक से चले वे संग्राहक में पहुँच जाते है और जिससे उत्सर्जक व आधार के मध्य अल्प धारा प्रवाहित होती है तथा संग्राहक व आधार में प्रवाहित धारा को संग्राहक धारा कहते है।
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