p-ऑर्बिटल को चित्र द्वारा निरूपित कीजिये।
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Explanation:
हीरे हीरे एवं ग्रेफाइट की संरचना में अंतर लिखें
Answer:
Explanation:
परमाणु की आधुनिक अवधारणा के अनुसार, परमाणु के नाभिक के चारों ओर स्पष्ट वृत्तीय कक्षाएं नहीं होती हैं लेकिन नाभिक के चारो और विभिन्न आकार और आकृति के त्रिविम क्षेत्र हैं। जहां इलेक्ट्रॉन की उपस्थिति की सर्वाधिक संभावना होती है। इन क्षेत्रों को परमाणु कक्षक (atomic orbitals in Hindi) कहते हैं । समान ऊर्जा वाले कक्षको को समभ्रंश कहा जाता हैं। आसान शब्दों में कहें तो नाभिक के चारो ओर स्थित त्रिविम क्षेत्र जिनमें इलेक्ट्रॉन के पाए जाने की संभावना अधिकतम होती है। उन्हें परमाणु कक्षक कहते हैं प्रत्येक परमाणु कक्षक में दो इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं जिनके चक्रण की दिशाएं एक दूसरे से विपरीत होती हैं।
1. S-कक्षक
ऽ-कक्षक गोलाकार आकृति का होता है। एक s उपकोश में केवल s- कक्षक होता है। जिसमें अधिकतम दो इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
2. p - कक्षक
p-कक्षक डम्बल आकृति का होता है। एक p-उपकोश में तीन p-कक्षक (px, py, pz) होती हैं। जिसमें अधिकतम छह इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
3. d - कक्षक
d-कक्षक द्वि-डम्बल आकृति के आकार का होता है। एक d-उपकोश में पांच d- कक्षक (dxy, dyz, dzxw dx 2 - y2, dz2) होती हैं। जिनमें अधिकतम दस इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
4. f- कक्षक
f-कक्षक गोलाकार आकृति जटिल होती है। एक - उपकोश में सात f-कक्षक होती हैं। जिनमें अधिकतम
चौदह इलेक्ट्रॉन रह सकते हैं।
#SPJ3