Hindi, asked by gt3676414, 3 months ago

पिबन्ति पवनं जलं सन्ततम्।
साधुजना इव सर्वे वृक्षाः ।।3।।इसका हिंदी में अनुवाद बताओ ​

Answers

Answered by tarushipanchal
0

Explanation:

पिनं ि के वपबखि ? ( साधुजना: / िृक्षा: / जना: )

ि) िृक्षा: वशरस्सु वकं िहखि ? ( जलं / नभ: / पिनं / पातालं)

Answered by dgmellekettil
0

Answer:

पेड़ निरन्तर हवा पानी पीते हैं सभी वृक्ष मानो सज्जन हैं।

Explanation:

पिबन्ति पवनं जलं सन्ततम्।

साधुजना इव सर्वे वृक्षाः।

इन पंक्तियों का हिंदी अनुवाद यह है की पेड़ निरन्तर हवा पानी पीते हैं सभी वृक्ष मानो सज्जन हैं।

  • कहने का तात्पर्य है कि जिस प्रकार सज्जन पुरुष सही समय पर उचित कार्य करते हैं उसी प्रकार वृक्ष भी निरन्तर हवा पानी उचित समय पर अर्थात् आवश्यकतानुसार ग्रहण करते हैं।
  • आवश्यकता से अधिक कोई भी चीज अच्छी नहीं होती।
Similar questions