पांच जगत वर्गीकरण क्या है , संक्षिप्त में समझाइये -
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Explanation:
पांच जगत वाली प्रकृति
भरत पूरे
जीवविज्ञान में वर्गीकरण
जीवविज्ञान में वर्गीकरण (Classification) की बात करते हैं तो व्यापक स्तर पर पांच जगत वाली प्रकृति हमारे सामने उभरती है। मोनेरा, प्रोटिस्टा, फफूंद, वनस्पति और जंतु जगत। क्या ज़रूरत है इतने सारे समूहों की? वनस्पति और जंतु जगत क्या इन दो समूहों से काम नहीं चल सकता और यह कैसे तय किया जाता है कि किस जीव को किस समूह में रखा जाए। ऐसे ही कुछ सवालों पर चर्चा करता है यह लेख।
लंबे समय से वैज्ञानिक जीवधारियों को दो बड़े समूहों - जंतु जगत एवं वनस्पति जगत में विभाजित (वर्गीकृत) करते आए हैं। जीवों के इस वर्गीकरण में तब तक कोई कठिनाई नहीं आती जब तक बहुत ही जाने पहचाने जीवधारियों का वर्गीकरण किया जाता है। जैसे कि नीम, पीपल, घास, गुलाब आदि को वनस्पति जगत में तथा बिल्ली, घोड़ा, केंचुआ या मक्खी को जंतु जगत में वर्गीकृत करना स्वाभाविक ही है। लेकिन वर्गीकरण में समस्या तब आन खड़ी होती है जब किसी फफूंद या स्पंज के बारे में तय करना हो। क्योंकि दोनों में वनस्पति या जंतु जगत के सहज लक्षण दिखलाई नहीं पड़ते। तो फिर इन्हें कहां रखा जाए।
फफूंद को अभी तक इसलिए वनस्पति जगत के साथ रखा जाता है कि उसमें जंतुओं की अपेक्षा पौधों के लक्षण अधिक हैं लेकिन दूसर तरफ देखें तो फफूंद में पौधों का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण क्लोरोफिल नहीं पाया जाता। इसी प्रकार स्पंज अन्य जंतुओं के समान चल-फिर नहीं सकते, फिर भी उनमें अन्य लक्षण जंतुओं के समान होते हैं इसीलिए वे जंतु जगत में रखे जाते हैं। इस जैसी अनेक उलझनें उन सब वैज्ञानिकों के समक्ष आती रही हैं जो जीवजंतुओं को वर्गीकृत करने के प्रयास में लगे रहते हैं। इसीलिए समस्त जीवधारियों को दो की अपेक्षा पांच जगत के अंतर्गत विभक्त करने का प्रयास हुआ है।
प्रोकेरियोटिक कोशिका (ऊपर); यूकेरियोटिक कोशिका (नीचे): कोशिका वह मूल इकाई है जिससे मिलकर जीव बनता है। संरचना के आधारपर जीवजगत में दो तरह की कोशिकाएं हैं, प्रोकेरियोटिक (पूर्व नाभिकीय) और यकेरियोटिक (पूर्ण नाभिकीय)। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है प्रोकेरियोटिक कोशिका में नाभिक नहीं होता है। वहीं यूकेरियोटिक कोशिका नाभिक होता है जो चारों तरफ दीवार से घिरा होता है। आकार की दृष्टि से आमतौर पर यूकेरियोटिक कोशिका प्रोकरियोटिक से बड़ी होती है।
जीवजगत में वर्गीकरण का पहला मुख्य आधार कोशिका की संरचना है। मोनेरा जगत में जो जीव आते हैं वे सारे प्रोकेरियोटिक हैं। जबकि बाकी चारों प्रोटिस्टा, फफूंद, वनस्पति और जंतु जगत में मिलने वाले जीव यकेरियोटिक होते हैं।
प्रोटिस्टा: होते तो इसमें भी एककोशिकीय जीव हैं लेकिन यूकेरियटिक। इनमें से कुछ जुतु जगत के जीवों से समानता दिखाते हैं तो कुछ फफूंद से, तो कुछ वनस्पति से। इस समूह के अंदर जो विभाजन है उसमें जंतुओं से समानता दिखाने वालो को प्रोटोज़ीआ वालों को एककोशीय शैवाल उप-समूह में रखा जाता है।
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