पंच की गददी पर बैठकर किसी का दोस्त या दुश्मन नही होता - क्या आप इस कथन से सहमत है? तर्क सहित उत्तर लिखिए। (Chapter 18 - पंच परमेश्वर Class 6 DAV)
Answers
Answered by
6
Answer:
गांव में पंचायत लगी थी, बूढ़ी मौसी अपने दो वक्त की रोटी के लिए गुहार लगाते हुए कह रही थी कि 'भांजे ने ता उम्र रोटी खिलाने का वादा किया था, जिसके चलते मैंने अपनी जमीन उसके नाम कर दी। अब रोटी के लिए मोहताज हो गई हूं'। यह सुनते ही पंचायत में सन्नाटा छा गया। जुम्मन शेख जिसके खिलाफ मौसी ने पंचायत बुलाई थी, उसका प्रभाव ऐसा था कि कोई पंच उसके विरोध में फैसला नहीं दे सकता था। जुम्मन आश्वस्त था कि फैसला उसके हक में होगा।
फैसला सुनाने पर दोस्ती में दरार
जब जुम्मन के खास दोस्त पंच बने अलगू चौधरी ने जुम्मन के खिलाफ फैसला सुनाया कि 'खालाजान (मौसी) को माहवार खर्च दिया जाए' तो सभागार में तालियां गूंज उठी। जुम्मन को भरोसा ही नहीं हो रहा था कि उसका दोस्त उसके खिलाफ फैसला सुनाएगा। दोनों में दरार पैदा हो गई।
Similar questions